अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
चाम्पा - इस वैश्विक कोरोना महामारी में एक ओर लोग जहां घरों में सुरक्षित रहकर अपनी जान बचाने संघर्षरत हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरों की जान बचाने के लिये अपनी जान दांव पर लगाने से भी बाज नहीं रहे हैं। कोरोनाकाल के इस दौर में कोरोना वैक्सीन की तरह ही कोरोना मरीजों के लिये रक्तदान वरदान साबित हो रही है। आज विश्व रक्तदान दिवस पर हम अपने पाठकों को ऐसे समाजसेवी का परिचय कराने जा रहे हैं जिन्होंने गाइडलाइंस का परिपालन करते हुये अपने जन्मदिन पर 80 वीं बार रक्तदान कर मिशाल कायम की है। शुरू से ही सेवा , समर्पण के प्रति तत्पर रहने वाले ब्राह्मणपारा चांपा के फौजी भाई पुरुषोत्तम शर्मा (भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा कर चुके) ने चर्चा करते हुये अरविन्द तिवारी को बताया कि आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को रक्त के लिये इधर उधर भटकते हुये देखकर उनके मन में रक्तदान की प्रेरणा जगी। उन्होंने वर्ष 1991 में पहली बार मिशन हास्पिटल चांपा में रक्तदान किया। जरूरतमंद लोगों के लिये रक्तदान करने से उनको आत्मिक संतुष्टि मिली और उनके रक्तदान का कारवां बढ़ता गया , इसी कड़ी में उन्होंने डेढ़ माह पहले ही 25 अप्रैल को 80 वीं बार रक्तदान किया था। उनका कहना है कि जब भगवान ने मुझे मौका दिया है तो मैं पीछे कैसे हट सकता हूं ? बताते चलें कि श्री शर्मा जी चाँपा सेवा संस्थान , भगवान परशुराम युवा ब्राह्मण जैसे कई संगठनों के माध्यम से शहर में आयोजित धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुये सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। वे इसी साल 25 अप्रैल को अपना 80 वां बार रक्तदान किये हैं और खेलसंघ में भी काफी सक्रिय हैं। बालीबाल में उनके संयोजकत्व में नेशनल मिनी बालीबाल प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है।
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