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Wednesday, October 20, 2021

महासमुंद-भाजपा किसानमोर्चा व सहकारिता प्रकोष्ठ के तत्वावधान में राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित..


महासमुंद 20 अक्टूबर 2021/  सहकारिता प्रकोष्ठ जिला सहसंयोजक देवेन्द्र चन्द्राकर जी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया प्रदेश भाजपा के निर्देश पर 20 अक्टूबर को महासमुंद के जिले के पांचों तहसीलों में आने वाले मंडलो में सहकारिता प्रकोष्ठ व किसानमोर्चा के तत्वाधान पर महामहिम राज्यपाल महोदया के नाम जिलाधीश को ज्ञापन प्रेषित किया गया। जिसमें छत्तीसगढ़ खरीफ 2020- 21 में सोसायटियों के माध्यम से  की गई धान खरीदी के उठाव पश्चात आई कमी की क्षतिपूर्ति का प्रावधान किए जाने बावत व अन्य किसानों की समस्याओं को लेकर जिलाधीश महासमुन्द को सहकारिता प्रकोष्ठ व किसानमोर्चा द्वारा ज्ञापन सौंपा गया।

 जिसमें प्रमुख रूप से भाजपा जिला किसानमोर्चा ,सहकारिता प्रकोष्ठ भाजपा के वरिष्ठ नेता गण मौजूद रहे। इस कार्यक्रम के प्रभारी देवेन्द्र चन्द्राकर जिला सहसंयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ व दिग्विजय साहू जिला मंत्री किसानमोर्चा को नियुक्त किया गया था।
  
उक्त ज्ञापन में मुख्य रूप से मांग की गई जो निम्नानुसार है-

    1-    विगत वर्षों की भांति गत खरीफ वर्ष 2020  _21 में भी शासन के निर्देशानुसार प्रदेश की समस्त सोसायटियों के  2311उपार्जन केंद्रों से धान खरीदी की  गई थी।किंतु शासन की गलत नीति के चलते आज तक उपार्जन केन्द्रों में धान सड़ते हुए पड़ा हुआ है। अतः  आग्रह है कि प्राकृतिक रूप से धान में  सुखत के कारण आई कमी एवम् वर्षा से सड़ने के कारण जो कमी आई है उसका प्रावधान किया जाकर सोसायटियों को क्षतिपूर्ति की राशि मुहैया  कराई जाए।
ज्ञातव्य है कि शासन की धान खरीदी नीति के अनुसार उपार्जन केंद्रों में यदि  धान की आवक  बफर  लिमिट से  ज्यादा  आती  है तो उसे 72घंटे  में उठाए जाने की अनिवार्यता है। और सम्पूर्ण धान को 31मार्च तक आवश्यक रूप से उठाए जाने का खरीदी नीति में स्पष्ट उल्लेख है।किंतु उक्त नीति का पालन नहीं होने के कारण ही धान में भारी शार्टेज आ रहा है जिसकी जिम्मेदारी शासन को लेनी चाहिए।
2  _ माह मार्च और अप्रैल 2021 में उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव नहीं किया गया । उक्त अवधि में   धान उठाव हेतु ना तो राइस  मिलरों को डिलीवरी ऑर्डर दिया गया ना ही ट्रांसपोर्टरों को परिवहन आदेश दिया गया। जबकि राइस मिलें  एवम् संग्रहण केंद्र पूरे खाली पड़े रहे ।जिसके कारण आज तक धान का उठाव ना तो उपार्जन केंद्रों से हुआ है ना ही संग्रहण केंद्र से हो पाया है। इसकी सूक्ष्मता से  जांच किया जाना अति आवश्यक है।
3 _  सोसायटियों में कई महीनों तक  पड़े रहे धान के  रख रखाव में आए  अतिरिक्त खर्च  का भी प्रावधान किया जाना चाहिए।
 4  _   धान खरीदी किए जाने के एवज में समितियों  को दी जाने वाली  कमीशन की पूरी राशि  मुहैया कराई जाए। धान में  आई कमी की भरपाई सोसायटियों को दिए जाने वाले कमीशन की राशि से नहीं काटी जानी चाहिए।
5  _ समितियों को प्रोत्साहन राशि अति शीघ्र मुहैया कराया जावे।
6_  खरीफ वर्ष 2020 _ 21 में धान खरीदी के समय  किसानों द्वारा दिए गए बारदाने की आधी अधूरी राशि  अभी तक मिली है ।शेष राशि का भुगतान अति शीघ्र कराया जावे।
7  _खरीफ वर्ष  2019_20 एवम् 2020 _21 में धान खरीदी के लिए  सोसायटीयों  /शासकीय उचित मूल्य की  दुकानों से  लिए  गए बारदानों की राशि  का भुगतान  अभी तक   नहीं किया गया है। उसे शीघ्र दिलवाया जावे।
8_ इस वर्ष *धान खरीदी* *1 नवंबर* से आवश्यक रूप से प्रारंभ किया जाए।
9_ कांग्रेस के वायदे के  अनुसार विगत दो वर्षों के लंबित धान के बोनस का भुगतान तत्काल किया जाए। 
10_पुनर्गठन पश्चात अस्तित्व में आई नवीन सोसाइटियों तथा अन्य समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन अप्राप्त है जिसे तत्काल भुगतान किया जाना चाहिए।

11_सोसाइटियों के माध्यम से किसानों को रासायनिक खाद खरीदते समय गुणवत्ता विहीन बर्मी कम्पोष्ट खरीदने की बाध्यता  समाप्त किया जावे।
12 _ छत्तीसगढ़ शासन /मंत्रिपरिषद द्वारा विगत वर्षों में लिए गए निर्णय अनुसार  मार्कफेड के धान संग्रहण केंद्रों में सूखत /शॉर्टेज के मापदण्ड तय करने हेतु  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर  से अध्ययन  कराने के पश्चात उनकी अनुशंसा के आधार पर सोसाइटियों में भी धान भंडारण अवधि के अनुसार सूखत  मान्य किए जाने का निर्णय लिया गया था तदनुसार  कृपया सोसायटियों में भी सुखत /शॉर्टेज मान्य किया जावे।अन्यथा केन्द्रीय भण्डार गृह निगम(CWC) द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन सुनिश्चित किया जावे।

      उपरोक्त कारणों से सहकारी समितियों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन कमजोर होती जा रही है ।  जिसके कारण  किसानों को   सोसाइटियों से मिलने वाले लाभांश  से वंचित  होना पड़ रहा है। महामयीम राज्यपाल महोदया जी से आग्रह है कि छत्तीसगढ़ सरकार को उक्त  मांगे तत्काल स्वीकृत करने हेतु व आवश्यक दिशा निर्देश देने का कष्ट करेंगे।

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