पखांजूर/कांकेर से CNI NEWS शंकर सरकार की रिपोर्ट। मो-6268535584
कापसी में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन की धूम रही।
मां दुर्गा की पूजा आराधना के बाद शुक्रवार को कापसी दुर्गा उत्सव पूजा समिति ने प्रतिमाओं का विसर्जन किया। डीजे और गाजे-बाजे के बीच मां दुर्गा की प्रतिमाओं के साथ कापसी में सुबह से शाम तक शोभायात्रा निकाली । वहीं शाम 5 बजे तक कापसी के बड़े तालाब में प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर चला। ज्ञात हो कि दिनांक 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक विविध पूजा अनुष्ठानों के अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था जिसके पश्चात लक्ष्मी पूजा के बाद शुक्रवार को मां दुर्गा की प्रतिमा का पूजन कर सुबह से ही मूर्ति विसर्जन की तैयारी शुरू कर दी। प्रतिमाओं को वाहनों में रखकर डीजे गाजे बाजे के साथ रंग-गुलाल खेलते प्रतिमाओं का विसर्जन करने तालाब पहुंचे। विसर्जन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया ।
शोभायात्रा कापसी दुर्गा मंदिर से नयापारा, पीवी 130 श्रीनगर, पीवी 56 वल्लभनगर, बड़े कापसी, पीवी 7, कालोनी कापसी, शांति पारा, ब्रह्मचारी पारा सभी क्षेत्रों में विसर्जन शोभा यात्रा निकली जिसमें बड़ी संख्या में भक्त मां दुर्गा को विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए । इस दौरान समिति अध्यक्ष मनमथ मंडल ने कहा कि कापसी में बड़े भव्य तरीके से पूजा अनुष्ठान संपन्न हुई। मां दुर्गा सभी पर कृपा दृष्टि बनाए रखे सभी का कल्याण करे। हिंदू सनातनी धर्म में प्रतिमा स्थापना के बाद पूजा कार्यक्रम समाप्ति के बाद प्रतिमा विसर्जन का विधान है। बंग समाज में मां दुर्गा सिर्फ बुराई का नाश करने वाली देवी ही नहीं हैं अपितु घर की एक बेटी की तरह होती है जो लंबे समय के बाद ससुराल से अपने घर को आती है इसी कड़ी को दुर्गा उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बेटी की विदाई दी जाती है जो विसर्जन का रूप होता है ।
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