पैलीमेटा वनांचल क्षेत्र में ग्राम के समीप बाजार में तेंदू फल पहुंचना शुरू
खैरागढ़। बाजार में तेंदू फल पहुंचना शुरू हो गया है। तेंदू अंचल में बहुतायत में पाया जाता है। तेंदू का फल मीठा तथा स्वादिष्ट तो है ही इसके फल व छाल का आयुर्वेदिक महत्व भी है। तेंदू फल की बिक्री से भी ग्रामीणों को अच्छी आमदनी भी हो जाती है। तेंदू फल पेड़ों में जनवरी से अप्रैल माह तक आता है। गांवों से अभी तेंदू फल बाजार में बिकने रोजाना पहुंच रहा है। अभी पेड़ से फल काफी मात्रा में निकल रहा है। इसके पत्ता व फल का संग्रहण कर बिक्री करने से ग्रामीणों को अच्छी आय होती है। साथ ही इसका दवाइयां भी बनती है। विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार के लिए भी यह काम आता है। धनेलीकन्हार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ आयुर्वेदिक डा राजेश शुक्ला ने कहा कि तेंदू पेड़ के छालों के लेप त्वचा रोगों के लिए काफी कारगर है। तेंदू पेड़ के फल, छाल, बीज व पत्ता सभी का आयुर्वेदिक महत्व है। छाल के काढ़ा का उपयोग मुंह संबंधित रोगों के लिए किया जा सकता है। तेंदू फल पेट संबंधित रोग व स्त्रियों के गर्भाशय संबंधित उपचार में भी काफी उपयोगी है।
डॉक्टर के माने तो तेंदू का फल सूजन कम करने में, ह्रदयस्वस्थ के लिए , शुगर कम करने में लाभदायक है....
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