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Wednesday, September 9, 2020

अयोध्या एयरपोर्ट का नाम मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम होगा



अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

अयोध्या - भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में बनने जा रही एयरपोर्ट का नाम ‘मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम’ होगा। यह उत्तरप्रदेश का पाँचवाँ एयरपोर्ट होगा जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होगा और यह अगले साल दिसम्बर तक पूरा कर लिया जायेगा। योगी सरकार ने नाम बदलने और एयरपोर्ट का दायरा बढ़ाने की कवायद शुरु कर दी है। अभी लखनऊ में अमौसी का चौधरी चरणसिंह तथा वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है। भगवान बुद्ध की निर्माण स्थली कुशीनगर तथा जेवर में बन रहे एयरपोर्ट को भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार बनाया जा रहा है। कुशीनगर का एयरपोर्ट इस साल के नवंबर तक काम करने लगेगा और पहली उड़ान श्रीलंका के कोलंबों के लिये होगी। श्रीराम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के विस्तार की योजना बनायी है। गौरतलब है कि अप्रैल 2017 तक अयोध्या एयरपोर्ट का विकास दो चरणों में करने की योजना बनायी गई थी। इसके लिये हुए टेक्नो-इक्नोमिक सर्वे में पहले चरण में एटीआर-72 विमानों के लिये विकसित किया जाना था।
इसमें रन-वे की लंबाई 1680 मीटर रखी जानी थी। दूसरे चरण में ए-321, 200 सीटर विमानों के संचालन के लिये एयरपोर्ट विकसित होना था। इसमें रन-वे की लंबाई 2300 मीटर प्रस्तावित थी। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस एयरपोर्ट को बोइंग-777 विमानों के योग्य बनाने और उसका नाम बदलने की घोषणा की थी। इसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पिछले साल पांच मई को भौतिक सर्वे करने के बाद संशोधित रिपोर्ट प्रस्तुत किया था। जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में ए-321 विमानों के संचालन के लिए 463.10 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। इसमें रन-वे की लंबाई 3,125 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। दूसरे चरण में बाइंग 777 जैसे बड़े विमानों के संचालन के लिये 122.87 एकड़ जमीन की अतिरिक्त आवश्यकता होगी। इसमें रन-वे की लंबाई 3,750 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। वहीं, एयरपोर्ट के संचालन व सुरक्षा से जुड़े कर्मचारियों के आवासीय क्षेत्र के लिये आसपास 15 एकड़ भूमि की जरूरत बताई गई। इस तरह एयरपोर्ट के लिए कुल 600 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी।

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