अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बड़ी घोषणा करते हुये कहा है कि राज्य शासन द्वारा संचालित महतारी दुलार योजना अंतर्गत अशासकीय शालाओं में पढ़ रहे बच्चों की स्कूल फीस राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। बता दें कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 से सरकार महतारी दुलार योजना लेकर आयी है। इस योजना का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जायेगा। इस योजना अंतर्गत लाभार्थी को छत्तीसगढ़ का निवासी होना अनिवार्य होगा। पात्र छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद भी उच्च शिक्षा के लिये प्रोत्साहन दिया जायेगा। छत्तीसगढ़ शासन प्रतिभावान छात्रों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिये कोचिंग की सुविधा भी उपलब्ध करायेगी। छात्र स्वयं या अभिभावक द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को सीधे आवेदन कर सकते हैं। प्राप्त आवेदन के परीक्षण के लिये जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी रहेंगे। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना से बेसहारा बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने की योजना सरकार ने बनायी है। इसके तहत सरकार बच्चों को बारहवीं तक की स्कूली शिक्षा नि:शुल्क देगी वहीं हर महीने एक निश्चित छात्रवृत्ति भी मिलेगी। योजना के मुताबिक ऐसे बच्चों को राज्य सरकार के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जायेगी। उनकी शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठायेगी। ऐसे विद्यार्थियों को कक्षा पहली से आठवीं तक 500 रुपये प्रतिमाह और कक्षा नवमी से बारहवीं तक 1000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जायेगी। प्राइवेट स्कूलों में पिछले एक साल से पढ़ रहे ऐसे बच्चे उसी निजी स्कूल में या स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में अपनी इच्छानुसार पढ़ सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा उनके स्कूल की फीस का वहन किया जायेगा।
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