जीवन का विज्ञान है योग - अरूण मिश्रा
हर्षोल्लास के साथ मनाया गया आठवां योग उत्सव
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
छतरपुर - पिछले आठ वर्षों से पुरुष एवं महिलाओं की अलग-अलग कक्षायें लगातार संचालित हैं , जिसमें योग साधक योग साधना कर रहे हैं। यह अत्यंत सराहनीय एवं प्रेरणा लेने वाला है। योग जीवन का विज्ञान है और हम सभी को नियमित योग करना चाहिये।
उक्त बातें ग्रीन एवेन्यू कॉलोनी प्रांगण में आयोजित आठवें योग उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के आसंदी से संबोधित करते हुये अरूण मिश्रा एसडीओ (सेवानिवृत्त) ने कही। इसी कड़ी में प्रोफेसर एच एन खरे कहा कि एक समय केवल भारतीय परंपरा का हिस्सा माना जाने वाला योग आज वैश्विक स्वास्थ्य पद्धति बन चुका है। विश्व के 190 से अधिक देशों में योग का अभ्यास किया जा रहा है और करोड़ों लोग इसे अपने रोज़मर्रा के जीवन में शामिल कर चुके हैं। तनावपूर्ण जीवनशैली , असंतुलित खान-पान और बढ़ती बीमारियों के दौर में योग एक प्रभावी , सरल और सर्वसुलभ समाधान के रूप में उभरा है। पतंजलि योगपीठ के जिला योग समिति प्रभारी हीरालाल कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग का इतिहास हजारों वर्ष पुराना माना जाता है। वैदिक संहिताओं , उपनिषदों और भगवद्गीता में योग को शरीर , मन और आत्मा का समन्वय बताया गया है। समिति के कोषाध्यक्ष हरि शंकर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि योग केवल आसनों तक सीमित नहीं बल्कि जीवन की पूर्ण पद्धति है। प्रोफेसर एके सक्सेना ने बताया कि योग का लक्ष्य केवल शरीर को लचीला बनाना नहीं , बल्कि मन को शांत और आत्मा को जागृत करना है। समिति सचिव आर के भारद्वाज ने विश्व स्तर पर योग के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुये कहा कि वर्ष 2014 में भारत द्वारा दिये प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। तब से लेकर अब तक हर वर्ष विश्व भर में लाखों लोग एक साथ योग का अभ्यास करते हैं। उन्होंने कहा शोध बताते हैं कि योग अब केवल एक व्यायाम नहीं बल्कि स्वास्थ्य उद्योग का हिस्सा , मेडिकल थेरेपी , कॉर्पोरेट स्ट्रेस मैनेजमेंट का प्रमुख माध्यम बन चुका है। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के अनुसार योग के नियमित अभ्यास से रक्तचाप नियंत्रित होता है , मधुमेह और मोटापे में लाभ मिलता है , सांस और हृदय संबंधी बीमारियाँ नियंत्रित होती हैं। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे प्राकृतिक तनाव-निवारक और मन-मस्तिष्क को संतुलित रखने वाला सबसे कारगर उपाय बताते हैं। अंत में अध्यक्षयीय उद्बोधन में रमा प्रताप सिंह नन्नू राजा ने समिति द्वारा किये जा रहे विभिन्न सांस्कृतिक एवं योग संबंधी कार्यों की विस्तार से चर्चा की एवं एवं आगामी एक वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि योग विश्व भर में स्वास्थ्य और जीवन शैली का नया आधार है। तेजी से बदलते डिजिटल युग में युवा वर्ग मोबाइल और गैजेट्स की दुनियां में खोता जा रहा है। परिणामस्वरूप एकाग्रता में कमी , आंखों और रीढ़ की समस्यायें , मानसिक चिड़चिड़ापन , सामाजिक अलगाव जैसी समस्यायें तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने समाधान बताते हुए कहा कि प्रतिदिन पंद्र - बीस मिनट का योग अभ्यास बच्चों की स्मरण शक्ति , आत्मविश्वास और व्यवहारिक संतुलन को मजबूत करता है। अंत में समिति के उपाध्यक्ष कमलेश रूसिया ने सभी का आभार प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि योग एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा आयोजित आठवां योग उत्सव ग्रीन एवेन्यू कॉलोनी प्रांगण में पूर्ण हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरुण मिश्रा एसडीओ (सेवानिवृत्त) रहे एवं अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष नन्नू राजा ने की। मंच संचालन आर भारद्वाज ने किया। इस कार्यक्रम में कॉलोनी में संचालित दोनों योग कक्षाओं एवं पीतांबरा योग कक्षा के योग साधक , कॉलोनी निवासी उपस्थित हुये। कार्यक्रम मां सरस्वती पूजन , वंदन से प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात सामूहिक सूर्य नमस्कार , हनुमान चालीसा पाठ , भजन , कवितायें , देशभक्ति गीत और योग साधकों द्वारा योगासनों का प्रदर्शन मुख्य रूप से किया गया। इस अवसर पर उल्लेखनीय वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ हमारी योग कक्षा की योग साधक रही मानसी जैन (जो सिविल जज के रूप में चयनित हुई है) का मंच पर सम्मान किया गया। तथा बाल योग साधकों द्वारा किये गये उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये उन्हें मंच से सम्मानित किया गया। मुख्य योग शिक्षक चतुर्भुज विश्वकर्मा एवं श्रीमती सुनीला चौरसिया द्वारा भक्ति गीत के साथ-साथ अपनी अपनी कक्षाओं का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया , तत्पश्चात संतोष दुबे एवं राखी जैन द्वारा कविता पाठ तथा नीतू अग्रवाल द्वारा सामूहिक गीत एवं श्रीमती आशा शुक्ल द्वारा देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर महेंद्र शुक्ला , कुलदीप सुहाने , एस के चौहान , जितेंद्र गुप्ता , अविनाश पटेल , अरविन्द तात्कालिक , देव साहू की विशेष उपस्थिति रही।


















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