(आज हनुमान जयंती विशेष)
रायपुर - हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा नव संवत्सर की पहली पूर्णिमा होती है। पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान कर दान करने की परंपरा है। आज हनुमान जयंती की महत्ता , पूजा-आराधना और इनसे मिलने वाले फलों के बारे में अरविन्द तिवारी ने बताया कि इस वर्ष आज इस पूर्णिमा को ही हनुमान जी को समर्पित मंगलवार का दिन पड़ रहा है। मंगलवार का दिन हनुमान जी का ही दिन होता है और ऊपर से आज हनुमान जयंती का त्यौहार यानि भक्तों के पास बजरंगबली को खुश करने का दोहरा मौका है , इसलिये इसकी महत्वता और बढ़ गई है। शास्त्रों में कहा गया है कि हनुमानजी आज भी पृथ्वी पर वास करते हैं , इन्हें चिरंजीवी होने का वर प्राप्त है। हनुमानजी का जन्म ऋषियों के वरदान से पिता वानर राज केसरी और माता अंजनी के घर हुआ। संपूर्ण भारत में हनुमान जयंती बहुत ही भक्तिभाव के साथ मनायी जाती है , लोग विधि विधान से हनुमानजी की पूजा आराधना करते हैं। इस बार वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के मद्देनजर लॉकडाउन के कारण इसका उत्सव फीका पड़ गया है। एक ओर जहां मंदिरों में सिर्फ प्रतीकात्मक पूजा होगी , वहीं लोग घर में बैठकर ही अपने आराध्य हनुमान जी का पूजा अर्चना करेंगे। आज के दिन हनुमान भक्त उपवास भी रखकर विशेष पूजा उपासना करते हैं। भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी हैं , इनको अलग- अलग से नामों से जाना जाता है। हनुमान जी आपके सभी कष्टों को दूर करते हैं इसलिये उन्हें संकंटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जयंती के दिन संकंटमोचन को लाल चोला चढ़ाकर घी या तेल का दीप प्रजवलित कर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिये। इसके बाद 11 बार "ऊं हनुमते नमः" या "ऊं अंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत प्रचोदयात्।" इन हनुमान मंत्रों का जाप करना चाहिये। इस बार हनुमान जयंती पर सिद्धि और व्यातीपात नामक दो शुभ योग बन रहे हैं , सिद्धि योग में की गई पूजा फलीभूत होती है। हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है भगवान राम के नाम का सुमिरन करना। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं और जो व्यक्ति श्रीराम नाम का सुमिरन करता रहता है, उस पर हनुमान जी विशेष कृपा करते हैं। भगवान श्री राम के साथ माता सीता का भी सुमिरन करना चाहिये। हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा के अलावा सुंदरकांड , बजरंग बाण , हनुमानाष्टक का पाठ कराने से शुभ होता है , इससे कई प्रकार के दोषों और संकटों से मुक्ति मिलती है। जो लोग सुंदरकांड का पाठ कराते हैं उनके जीवन में कोई परेशानी नहीं होती हैं। इस पाठ को कराने से भगवान राम का आशीर्वाद मिलता है , अगर आप पाठ नहीं करा सकते तो सुनना जरूर चाहिये। हनुमान जयंती पर शनि के प्रभाव को कम करने के शनि देव का मंत्र पढ़ना चाहिये। ज्योतिष विज्ञान के मुताबिक जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हैं या फिर शनि की साढ़ेसाती चल रही है , उन लोगों को हनुमान जी की पूजा विधि पूर्वक करना चाहिये। हनुमान जी को मंगलकारी कहा गया है , इसलिये इनकी पूजा जीवन में मंगल लेकर आती हैं। इनकी आराधना करने से नकारात्मक ऊर्जा भूत-प्रेत बाधा ,मरण आदि से पूर्णत: मुक्ति मिल जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती के दिन भक्त नौकरी व व्यापार में धन से जुड़ी समस्याओं के लिये उपाय भी करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक जलायें और हनुमान जी को चोला चढ़ाना चाहिये , ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। हनुमानजी की मूर्तियों पर सिंदूर और चांदी का वर्क चढाने की परम्परा है. कहा जाता है राम जी की लम्बी उम्र के लिए एक बार हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था और इसी कारण उन्हें और उनके भक्तों को सिंदूर चढ़ाना बहुत अच्छा लगता है जिसे चोला कहते है।शनि देव की साढ़ेसाती , शनि की ढैय्या या फिर शनि की महादशा के कारण जीवन में परेशानियां बनी हुई है या दांपत्य जीवन में कलह , तलाक की स्थिति , व्यापार में हानि , शिक्षा और करियर आदि से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है आज के दिन हनुमान जी का षोडशोपचार पूजन आराधन बहुत ही उत्तम है। कई लोग आज के दिन सत्यनारायण व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की कथा भी सुनते हैं। हनुमान जयंती में प्रसाद के तौर पर लड्डू, चूरमा, मालपुआ, केला, अमरूद आदि का भोग लगा सकते हैं।


















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