अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली -- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नये अध्यक्ष नियुक्त किये गये सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने आज अपना पदभार सम्हाल लिया है। इस पद के लिये उनका कार्यकाल पांच वर्ष तक रहेगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अरुण मिश्रा को सोमवार को आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उनके अलावा महेश मित्तल कुमार और डॉ. राजीव जैन को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था। पीएम मोदी , गृहमंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की सदस्यता वाले पैनल ने अरुण मिश्रा को आयोग का नया अध्यक्ष चुना था। मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी जस्टिस अरुण मिश्रा ने वर्ष 1978 में एक वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया। वे वर्ष 1998-99 में सबसे कम उम्र में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन चुने गये थे। अक्टूबर 1999 में वे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जज बने , उसके बाद राजस्थान और कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे। सात जुलाई 2014 में उन्हें प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया और इस पद से वे 20 सितंबर 2020 को रिटायर हुये। अब 31 मई 2021 को उन्हें नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन का चेयरमैन चुना गया। फिर महामहिम राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उन्होंने 02 जून को पदभार संभाल लिया। इसके पहले जस्टिस एच०एल० दत्तू ने दो दिसंबर 2015 को चीफ जस्टिस के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 29 फरवरी, 2016 को एनएचआरसी प्रमुख का कार्यभार संभाला था। पिछले साल दिसंबर में उनके सेवानिवृत्त होने के बाद बीते छह माह से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद रिक्त था।
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