Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Sunday, June 13, 2021

छत्तीसगढ़ के किसानों को मौसम आधारित कृषि सलाह



देव यादव सी एन आई न्यूज़ बेमेतरा

बेमेतरा 10 जून 2021-राज्य के कृषि एवं मौसम विज्ञान विभाग और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में मानसून आगमन को ध्यान में रखते हुए किसानों को मौसम आधारित कृषि सलाह दी है। उन्होंने खरीफ फसलों और फल-सब्जियों की बुवाई के साथ ही पशुपालन के संबंध में और आवश्यक वैज्ञानिक सलाह दी है।

    कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि खेत की साफ-सफाई एवं मेड़ों की मरम्मत आवश्यक रूप से इस समय करना चाहिए। खरीफ फसल लगाने के लिए बीज एवं उर्वरक का अग्रिम व्यवस्था कर ले। धान की जैविक खेती के लिए हरी खाद फसल जैसे ढेंचा/सनई की बुवाई शीघ्र करें। खरीफ फसल लगाने के लिए बीज एवं उर्वरक का अग्रिम व्यवस्था कर लें। धान का थरहा डालने या बोवाई से पूर्व स्वयं उत्पादित बीजों को 17 प्रतिशत नमक के घोल से उपचारित करें। प्रमाणित या आधार श्रेणी के बीजों को पैकेट में प्रदाय किए गए फफूंद नाशक से अवश्य उपचारित कर लें। धान की नर्सरी के लिए गोबर खाद की व्यवस्था कर लें। सुनिश्चित सिंचाई के साधन उपलब्ध होने की स्थिति में धान का थरहा तैयार करने के लिए धान की रोपाई वाले कुल क्षेत्र के लगभग 1/10 भाग में नर्सरी तैयार करें इसके लिए मोटा धान वाली किस्मों की मात्रा 50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या पतला धान की किस्मों की मात्रा 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीज डालें। सोयाबीन, मक्का, मूंगफली आदि फसलों की बुवाई के लिए खेतों को गहरी जुताई कर तैयार करें जिससे बहुवर्षीय घास नष्ट हो जाएं। गन्ने की नई फसल में आवश्यकतानुसार निंदाई-गुडाई एवं सिंचाई करें।



    कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि जो किसान भाई फलदार पौधे लगाना चाहते हैं वे वर्तमान में खेतों की तैयारी करें तथा साथ ही साथ खेतों में वर्षा ऋतु में पौधे लगाने के लिए गड्डे खोदने का कार्य प्रारंभ करें। गड्डों में मिट्टी के साथ सड़ी हुई गोबर खाद, दीमक मारने की दवा एवं अनुशंसित उर्वरक की मात्रा मिलाकर पुनः जमीन से 10 सेंटीमीटर ऊंचा भर दें। सीधे बुवाई वाली सब्जियों के उन्नत किस्मों के बीजों की व्यवस्वथा रखें एवं योजना अनुसार खेत की तैयारी करें। खरीफ की लतावली सब्जी जैसे लौकी, कुम्हड़ा को बैग में पौध तैयार करें व करेला, बरबट्टी लगाने हेतु अच्छी किस्म का चयन कर मेड नाली पद्धति से फसल लगाना सुनिििश्चत करें, कुंदरू व परवल लगाने हेतु खेत तैयार करें। अदरक एवं हल्दी की रोपित फसल में पलवार (मल्चिंग) करें और जल निकास को वर्षा पूर्व ठीक कर लें।

    कृषि वैज्ञानिकों ने मुर्गियों को रानीखेत बीमारी से बचाने के लिए पहला टीका एफ-1 सात दिनों के अंदर एवं दूसरा टीका आर-2बी आठ सप्ताह की उम्र में लगवाएं। गर्मी के मौसम में मुर्गियों के लिए पीने के पानी की मात्रा 3-4 गुना बढ़ा दें। पशुओं को 50 से 60 ग्राम नमक पानी में मिलाकर अवश्य खिलाएं तथा दुधारू पशुओं के आहार में दाना मिश्रण की मात्रा बढ़ा दें। गलघोटू एवं लंगड़ी रोग से बचाव के लिए मवेशियों का टीकाकरण करवाएं।


देव यादव

सी एन आई न्यूज़ बेमेतरा छत्तीसगढ़ मो 9098647395

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad