छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध भरथरी गायिका सुरुज बाई खांडे की आज जयंती है। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। अहिल्या बाई सम्मान से सम्मानित सुरुज बाई खांडे ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन किया था।
भरथरी गायिका श्रीमती सुरुज बाई खांडे का जन्म बिलासपुर जिले के ग्राम पौंसरी तहसील बिल्हा में हुआ था। उनका विवाह 10-11 साल की उम्र में ही कछार-रतनपुर के लाखन खांडे के साथ हो गया था। बाद में वह अपने पति के साथ सरकंडा, बिलासपुर आकर बस गई थीं। बाद में भरथरी गायन में उन्होंने देश-विदेश में छत्तीसगढ़ को ख्याति दिलाई।
उन्होने सात साल की उम्र से भरथरी गाने की शुरुआत अपने नाना स्वर्गीय राम साय घितलहरे के मार्गदर्शन में किया था। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को विश्व पटल पर रखने वाली सुरुज बाई का योगदान कला के क्षेत्र में सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
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