पटवारी का मुख्यालय में नहीं रहने से किसान परेशान, नकल देने के नाम पर मांगते हैं भारी-भरकम राशि।
छुरिया - ताहिर खान:- जहां एक ओर किसान खाद को लेकर आए दिन सोसायटीओं का चक्कर काट रहे हैं ,वहीं पटवारियों के क्रियाकलापों और चढ़ावे को लेकर लोग त्रस्त हैं राजस्व एक ऐसा विभाग है जिसमें आए दिन लोगों को पटवारियों से काम पड़ता रहता है । नाप जोक से लेकर आय जाति नामांतरण एवं नकल की जरूरत के लिए पटवारियों के पास जाना पड़ता है वही पटवारियों के मुख्यालय में नहीं रहने से दिक्कतें और भी बढ़ जाती है कलेक्टर के आदेश के बावजूद पटवारियों का मुख्यालय में नहीं रहना समझ से परे है । ऐसा ही एक मामला छुरिया विकासखंड के हैदरकोडो,बागद्वार, भोलापुर और दिवानटोला के हल्का पटवारी से किसान और ग्रामवासी परेशान है। सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार पटवारी योगेश निषाद छुरिया में ऑफिस का संचालन कर रहा है । साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि छोटे छोटे काम के लिए बहुत दूर से छुरिया आना पड़ता है और छोटे काम के लिए भी पैसों की मांग करते हैं लोगों का यह भी आरोप है कि पटवारी ने असिस्टेंट रखकर सभी गोपनीय दस्तावेजों को उसके हवाले कर रखा है जिससे भविष्य में कभी भी दस्तावेजों में हेराफेरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता । पटवारी के इशारे पर असिस्टेंट के द्वारा भारी रकम की मांग किए जाने की बात सामने आई वहीं मांग पूरा नहीं होने पर किसानों के कामों को हीला हवाला कर बार-बार बुलाकर परेशान कर जिससे किसान परेशान होकर उनके मांगों को पूरा करते हैं तब जाकर उसका काम होता है । पटवारियों को विभागी डर बिल्कुल भी नहीं है इससे ऐसा लगता है कि इनको घूस लेने के लिए उच्च अधिकारियों का छत्रछाया प्राप्त है । दूसरी तरफ किसान को आए दिन पटवारी से काम पड़ता है जिसके कारण इनकी शिकायत करने के लिए कोई सामने नहीं आता है। क्षेत्र के करीब दर्जन भर हल्को के पटवारी छुरिया में आफिस खोल रखा है। छुरिया के राजनीतिक नेताओं ,पक्ष विपक्ष दोनों किसानों का हमदर्द बनते हैं और बड़ी बड़ी डिंग मारते फिरते हैं । क्या ये लोग कभी पटवारियों के भ्रष्टाचार पर कभी बयान बाजी या कोई टिप्पणी किया है l मामला बादराटोला का एक किसान का है जिसका जमीन बागव्दार हल्का में होने से नकल देने के नाम पर ₹5000 की मांग पटवारी योगेश निषाद द्वारा किया गया था । किसान ने पटवारी से हाथ जोड़कर विनती किया उसके बाद भी ₹3500 लेकर ही नकल दिया गया। किसान आखिर क्या करे अगर वो व्यक्ति शिकायत करे तो कहां करे इसके पीछे उस किसान की परेशानी है जो घुस न देने पर बार-बार भटकना पड़ता। वहीं ग्राम वासियों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाया है कि ऐसे पटवारी के ऊपर उचित कार्यवाही कर मुख्यालय में ऑफिस रखने आदेशित करें ताकि जरूरतमंद लोग पटवारी से आसानी से मुलाकात कर अपना काम समय पर करवा सकें ग्राम वासियों ने बताया कि पटवारी अगर अपने क्रियाकलाप में सुधार नहीं किया जाता है और मुख्यालय में नहीं रहते तो बहुत जल्द ग्राम वासियों के द्वारा लामबंद होकर कलेक्टर से योगेश निषाद की शिकायत किया जाएगा।
इसपर पटवारी योगेश निषाद का कहना है
मुझपर लगाया जा रहा आरोप बेबुनियाद है और न मेरे पास कोई असिस्टेंट है । फिर तो यह जांच का विषय है आखिर वह असिस्टेंट कौन है जो लोगों से अवैध वसूली कर पटवारी से किसानों के बीच कागजातों को जल्द पूरा करने मदद अपना योगदान दिया करता है जिसे पटवारी ने साफ तौर पर नकारा है कि मेरे व्दारा किसी भी व्यक्ति को अपना असिस्टेंट नहीं रखा गया है। जबकि ग्रामीणों का कहना है पटवारी सहाब के सहयोगी व्दारा ही रुपए की डिमांड की जाती है। अब देखना होगा उच्च अधिकारी इसपर जांच पड़ताल करने से जरुर वह असिस्टेंट सामने आने की संभावना है जो लोगों से अवैध वसूली कर किसके जेब को गर्म कर लोगों को बेवजह परेशान कर अवैध उगाही कर विभाग की छवि को धुमिल करने का काम किया है ।
हितेश पिस्दा - एसडीएम
ग्रामीणों से नाप-जोख नकल या पर्चा संबंधी सुधार व अन्य राजस्व कार्य करने हेतु लोगों से रुपए लेकर कार्य करने की जानकारी मिला है जो बड़ा संगीन है। यह मामला हैदलकोड़ो, बागव्दार, भोलापुर, दिवानटोला के किसानों से जमीन में सुधार या अन्य कार्यों को लेकर पटवारी के सहयोगी जो लोगों से किसी भी कार्य से पहले पांच हजार से लेकर साठ हजार तक अवैध वसूली कर किसके जेब में भरने का काम करते आया है उक्त व्यक्ति किसके कहने पर किसानों से रुपए की मांग करता है जिसके लिए तहसीलदार को संज्ञान देकर मेरे व्दारा अपने स्तर पर जांच कर दोषियों पर कार्यवाही किया जायेगा।
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