अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
मुम्बई -- रामानंद सागर के पौराणिक टीवी शो 'रामायण' में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी (83 वर्षीय) ने बीती रात दिल का दौरा पड़ने की वजह से कांदिवली स्थित अपने घर में ही इस दुनियां को अलविदा कह दिया है। वे लम्बे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे , इस वजह से वे काफी दिनों से बेड पर थे। उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है , कई सेलेब्स और फैन्स उनको सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार आज मुंबई के दहानुकरवाड़ी श्मशान घाट में किया जायेगा। अरविंद त्रिवेदी ने वर्ष 1987 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुये 'रामायण' में अपने 'रावण' की किरदार निभाकर घर घर में अपनी खुद की खास पहचान बनायी , आज भी लोग उनको उसी किरदार में याद करते हैं।लेकिन इसके अलावा उन्होंने कई फेमस गुजराती फिल्मों में काम किया है , उनका कैरियर गुजराती सिनेमा में 40 साल तक चला। उन्होंने ‘रामायण’ के अलावा टीवी के एक और पॉपुलर शो ‘विक्रम और बेताल’ में भी अपनी अदाकारी दिखाई थी। अरविंद ने हिंदी और गुजराती सहित अपने करियर में करीब 300 फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने कई गुजराती फिल्मों में भी चालीस वर्षों तक योगदान देते हुये बेहतरीन अदाकारी से अपने लिये बड़ा मुकाम बनाया था। इसके अलावा उन्हें टीवी शो विक्रम और बैताल के लिये भी जाना जाता है।दिवंगत अभिनेता ने कई सामाजिक और पौराणिक फिल्मों में भी अभिनय किया था। आपको बता दें कि अरविंद त्रिवेदी ने राजनीति में भी अपना परचम लहराया। उन्हें बीजेपी ने लोकसभा चुनाव का टिकट भी दिया था। अरविंद ने न सिर्फ गुजरात के साबरकांठा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा, बल्कि रावण के पौराणिक किरदार की सफलता के बूते उन्होंने चुनाव भी जीता। वे 1991 से 1996 तक लोकसभा के सांसद रहे। बता दें कि अरविंद त्रिवेदी का जन्म आठ नवंबर 1938 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका शुरुआती केरियर गुजराती रंगमंच से शुरू हुआ। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा के चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं। गुजराती फिल्मों के जरिये दर्शको को मिली प्रसिद्धि के चलते त्रिवेदी ने गुजरात सरकार द्वारा प्रदान की गई गुजराती फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये सात पुरस्कार जीते थे। वर्ष 2002 में उन्हें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। अरविंद त्रिवेदी ने 20 जुलाई 2002 से 16 अक्टूबर 2003 तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) प्रमुख के रूप में काम किया था।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.