अंबाह गौरव जैन मुनि संत सतार सागर महाराज की उदयपुर मे हुई समाधि।
अंबाह नगर के गोठ गांव मे जन्मे स्व. नत्थी लाल जैन के पुत्र ग्रहस्त नाम सुमति चंद जैन जो बचपन से ही सील, नम्र,भजन गायक, लेखक, कवि, हसमुख थे।पर समय के साथ कुछ गलत संगति से कुछ समय के लिए गलत रास्ते पर जाने के बाद भी किसी से कुछ नही बोलते थे।बचपन से ही जैन धर्म का बीज आत्मा के अंदर होने से जैन दीक्षा अंगीकार की।बीज से अंकुरित होकर ही बट वृक्ष बन के सतार सागर बन के सबके सामने आए। यह पूज्य मुनि श्री सतार सागर जी महाराज, आचार्य श्री विनम्र सागर जी महाराज के संघस्थ मुनि श्री विज्ञसागर जी महाराज के गृहस्थ अवस्था के बड़े भाई थे। तथा पंडित मुकेश कुमार शास्त्री गोठ वाले अंबाह के छोटे भाई थे।अंबाह मे 6 साल पहिले कुछ समय के लिए आए, तो धर्म की गंगा बहा दी।
महावीर जिनालय चुंगी नाका पर महामृत्युंजय विधान करा के समस्त अंबाह बासियो को परेशानियों से मुक्त कराया। उन के सरल स्वभाव की वजह से जैन समाज के अलावा अन्य समाज के लोगो का भी उनके दर्शन ,ज्ञान, आशीर्वाद लेने के लिए तांता लगा राहिता था।ये जानकारी सौरभ जैन वरेह बालो ने दी।आप आचार्य परम पूज्य सुंदर सागर महाराज से दीक्षित थे। आप कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।दिनांक27/03/2022 को प्रातः 7:30 बजे मुनि श्री सतार सागर जी महाराज की समाधि पूर्वक मरण कानपुर ग्राम उदयपुर राजस्थान में हो गया।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.