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Friday, July 1, 2022

एकनाथ शिंदे बनें महाराष्ट्र के बीसवें मुख्यमंत्री


एकनाथ शिंदे बनें महाराष्ट्र के बीसवें मुख्यमंत्री

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट 

मुम्बई - राजभवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में एकनाथ शिंदे ने मराठी में महाराष्ट्र के बीसवें मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ ली। उन्होंने दिवंगत शिवसेना नेताओं बाल ठाकरे और आनंद दिघे को श्रद्धांजलि देकर शपथ लेने की शुरुआत की। इसके साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इन दोनों नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।वहीं बाद में दोनों पक्षों के विधायकों को समायोजित करने के लियै मंत्रिमंडल का विस्तार किया जायेगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों नेताओं को बधाई दी। उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम को बधाई देते हुए कहा - मैं एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिये बधाई देना चाहता हूं। वो एक जमीन से जुड़े , राजनीति को बेहतर तरीके से समझने वाले और बेहतरीन प्रशासनिक अनुभव वाले नेता हैं। मुझे पूरा यकीन है कि वह महाराष्ट्र को नई ऊचाइयों तक ले जायेंगे। वहीं देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर उन्होंने बधाई देते हुये कहा कि वे हर भाजपा कार्यकर्ता के लिये प्रेरणा हैं। उनका अनुभव और विशेषज्ञता सरकार के लिये एक संपत्ति होगी। मुझे विश्वास है कि वह महाराष्ट्र के विकास पथ को और मजबूत करेंगे।बताते चलें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 29 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं। लेकिन आज देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री पद के लिये एकनाथ शिंदे का नाम लेकर सबको चौंका दिया।


प्रदेश का विकास हमारा लक्ष्य - सीएम शिंदे


सीएम पद की शपथ लेते ही एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें खरीफ फसलों और फसल बीमा पर चर्चा की गई। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुये सीएम शिंदे ने कहा कि कई फैसले लंबित हैं। महाराष्ट्र की जनता के लिये जल्द ही लंबित प्रोजेक्ट को पूरा किया जायेगा। हमारा लक्ष्य महाराष्ट्र का विकास करना है। हम महाराष्ट्र के हर क्षेत्र में विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के अनुभवों का हमें फायदा मिला।कैबिनेट बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने ऐलान किया कि दो और तीन जुलाई को विधानसभा का सत्र आयोजित होगा। जिसमें बहुमत परीक्षण और नये स्पीकर पद का चुनाव किया जायेगा।


संक्षिप्त परिचय 


महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जन्म 09 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ। उन्होंने अपने बचपन में काफी ग़रीबी देखी , वे पढ़ाई के लिये ठाणे आये। उन्होंने ग्यारहवीं तक की पढ़ाई यहीं की। इसके बाद अपने परिवार की आर्थिक सहायता के लिये वे वागले एस्टेट इलाके में रहकर ऑटो रिक्शा चलाने लगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई। महज अठारह साल की उम्र में उनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ और शिंदे एक आम शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगे। बताया जाता है कि 1980 के दशक में वो बाल ठाकरे के विचारों से काफी प्रभावित हुये। बाल ठाकरे के निधन के बाद शिवसेना के बड़े नेताओं में शिंदे को गिना जाने लगा। लेकिन पिछले दो साल में शिंदे की जगह उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को ज्यादा तवज्जो दी जाने लगी , इस बात से एकनाथ शिंदे नाराज हो गये। करीब डेढ़ दशक तक शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद वर्ष 1997 में शिंदे ने चुनावी राजनीति में कदम रखा।  वर्ष1997 के ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने शिंदे को पार्षद का टिकट दिया। शिंदे अपने पहले ही चुनाव में जीतने में सफल रहे।  वर्ष 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। इसके बाद दोबारा वर्ष 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बने। एकनाथ शिंदे को राजनीति में जाने की प्रेरणा तब के कद्दावर नेता आनंद दीघे से मिली। दो जून 2000 को एकनाथ शिंदे के 11 साल के बेटे दीपेश और 07 साल की बेटी शुभदा का निधन हो गया था। शिंदे अपने बच्चों के साथ सतारा गये थे , बोटिंग के दौरान एक्सीडेंट हो गया था। बेटा-बेटी की मौत के बाद शिंदे ने राजनीति छोड़ने का फैसला कर लिया था। इस बुरे दौर में शिंदे को आनंद दीघे ने सही राह दिखाई और राजनीति में बने रहने के लिये कहा। एकनाथ शिंदे वर्ष 2004 में पहली बार विधायक चुने गये। फिर लगातार तीन बार वर्ष 2009 , वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में जनता ने शिंदे को विधायक बनाया। वर्ष 2014 में देवेंद्र फडणवीस सरकार में शिंदे पीडब्ल्यूडी मंत्री बने। फिर उद्धव सरकार में भी शिंदे को मंत्री बनाया गया।


अठारह आपराधिक मामले दर्ज


पिछले विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान एकनाथ शिंदे ने जो हलफनामा दायर किया , उसके मुताबिक उन पर 18 आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। जिसमें उन पर आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाना , गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा होना ,  सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करना जैसे आरोप लगे हैं।शिंदे के पास 11 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 02.10 करोड़ की चल और 09.45 करोड़ की अचल संपत्ति घोषित की गई थी।चुनावी हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल छह कारें हैं। इनमें से तीन शिंदे के नाम और तीन उनकी पत्नी के नाम पर हैं। शिंदे की पत्नी के नाम पर एक टैम्पो भी है। शिंदे की छह कार के जखीरे में दो इनोवा , दो स्कॉर्पियो , एक बोलेरो और एक महिंद्र अर्मडा है। शिंदे के पास एक पिस्टल और एक रिवॉल्वर भी है। इसके अलावा चुनावी हलफनामे में शिंदे ने खुद को कॉन्ट्रैक्टर और बिजनेसमैन बताया है। उनकी पत्नी भी कंस्ट्रक्शन का काम करती हैं। शिंदे ने विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी , घरों से आने वाले किराये और इंटरेस्ट  से होने वाली कमाई को अपनी आय का स्त्रोत बताया है। 

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