कोटवाधाम कार्तिक पूर्णिमा मेले में ट्रैक्टर ट्रालियों पर लगाये गये प्रतिबंध का असर दिख रहा है।
रिपोर्ट विपिन कुमार शर्मा
बाराबंकी सिरौलीगौसपुर। श्री समर्थ साहेब जगजीवन दास बड़े बाबा के कार्तिक पूर्णिमा के मेले में ट्रैक्टर ट्रालियों पर लगाये गये प्रतिबंध का असर दिख रहा है, वहीं सत्यनामी भक्त जिनमे अपने साहेब जगन्नाथ पुरी के अवतार, साहेब जगजीवन दास पर अपार श्रद्वा रहती है।
वह योगी मोदी सरकार को कोस रहे हैं। जो ट्रैक्टर ट्रालियों में डीजल पानी डलवा कर अपने साहेब के दर्शन कर अपने को कृतार्थ करते थे।
बताते चलें कि श्री समर्थ साहेब जगजीवन दास बड़े बाबा के कार्तिक पूर्णिमा मेला पर चार से पांच लाख गोन्डा बहराइच बलरामपुर श्रावस्ती सुल्तानपुर सीतापुर रायबरेली उन्नाव बलिया अम्बेडकर अयोध्या सहित दिल्ली हरियाणा राजस्थान आदि प्रान्तों से श्रद्धालु जगन्नाथ पुरी के अवतार समर्थ साहेब जगजीवन दास बड़े बाबा के दर्शन पूंजन कर मनवांछित फलों की प्राप्ति एंव विश्वमानव कल्यांण की कामना करते थे।
सरकार की ट्रेक्टर ट्रालियों की सख्ती प्रतिबंध के चलते कार्तिक पूर्णिमा पर भीड भाड होने की सम्भावन क्षीण होती नजर आ रही है।
हंला कि तहसील व पुलिस प्रशासन अपनी ब्यवस्था चाक चौबंद रखी है। एस डी एम मो0शम्स तबरेज खान तहसीलदार बैशाली अहलावत नायब तहसीलदार दिनेश कुमार पाण्डेय के अलावा पुलिस उपाधीक्षक रामनगर हर्षित चौहान थानाध्यक्ष बदोसराय प्रफुल्ल कुमार यादव, ट्रैफिक पुलिस, अग्निशमन, पुलिस बल गैर थानों के साथ साथ पी ए सी पुलिस बल की आमद कोटक वन में हो चुकी है। आप भ्रमित न हो मैं बता देना चाहूंगा कि साहेब का साधना केन्द्र एंव समाधि स्थल ही कोटक वन, कोटवाधाम है।
मेले में तरह तरह की कास्टमेटिक प्रशाधन सर्कस सिनेमा, झूला, आदि बच्चों का मनोरंजन केन्द्र है।
जिस पवित्र अभरन सरोवर में श्रद्वालू स्नान ध्यान कर अपनी मानव काया को पवित्र कर स्वामी जी मे आस्था जता कर अपने को कृतार्थ करते हैं। वही अभरन सरोवर हरी कायी से युक्त है जिसका उपयोग इस गांव के व क्षेत्र के पन्डे करते हैं। उसे भी साफ सफाई नहीं कर सके।
स्वामी जगजीवन दास ने कहा था कि हर जोतय हरि का भजय सांच का दाना खाय, जगजीवन दास सांची कंहय सोय बैकुंण्ठय जाय।
साहेब जगजीवन दास जगन्नाथ पुरी जगजीवन साहेब आदि आदि जन्मावतार थे।जिन्हे श्री हरि नारायण मां मोतिन देवी धर्म पत्नी साहेब को भगवान विष्णु एंव माता लक्ष्मी स्वरुपा सत्यनामी सम्प्रदाय के लोग मानते हैं वैसा ही उनके जीवन में भली भूत होता है।
हिन्दु मुस्लिम एकता के प्रतीक भी साहेब जगजीवन दास बड़े बाबा थे। एक बार की बात है साहेब जगजीवन दास बड़े बाबा एक दीवाल पर बैठ कर दातून कर रहे थे। औरंग जेबी शासन काल की बात है। कस्बा बदोसरांय के बगल तकिया मलामत शाह ने साहेब की परीक्षा लेने के लिए कोटवाधाम पंहुचे। पासी समाज के कब्रिस्तान के बगल एक दीवाल पर दातून कर रहे साहेब जगजीवन दास बड़े बाबा ने मलामत शाह जो कि शेर पर सवार होकर आ रहा था।तब स्वामी जी ने कहा था कि हे पृथ्वी देख शाह मलामत आ रहा है क्या उसके स्वागत में पांच कदम नहीं चलेगी।पांच कदम पृथ्वी माता दीवार तोडकर चलीं ऐसी मान्यता है। फिर शाह मलामत ने भी साहेब की परीक्षा ली जिसमे सात्विक आहार भोजन में बनवाये गये पशु पक्षी चीं चीं करते उड गये तभी मलामत शाह साहेब जगजीवन दास के सखा बन सके साहेब के सत्यनामी धागे में आज भी विद्यमान है। अन्य तमाम किंवदन्तियां है जो सभी समाज के लोगों को पशु पक्षियों पर अब्यवहार सत्य का पथ चुनकर मोक्क्ष प्राप्ती का मार्ग प्रशस्त करने को प्रेरित करती हैं।
किन्तु साहित्य जगत सदैव साहेब के उपदेश को भ्रमित कर प्रचार प्रसार करवा रहा है जिसमें कुछ कतिपय मंहन्त जिनका सत्यनाम सम्प्रदाय से लेना देना नहीं है अपने को सत्यनामी और मंहन्त बताकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के बड़े बाबा के पंथ को बेंच रहे हैं। यंहा सिर्फ चार पावा चौदह गददी 36सुमिरिणी 86 श्री महन्तों के योगदान से पूरे भारत में सत्यनाम की पताका फहरी है।




















No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.