हाईकोर्ट व कलेक्टर के आदेश का नहीं कोई असर माफिया दिन-रात कर रहे रेत खनन
पुलिस के संरक्षण में हो रहा रेत का अवैध उत्खनन
सुरेंद्र मिश्रा जिला ब्यूरो बिलासपुर
बिलासपुर / हाईकोर्ट व कलेक्टर के आदेश का भी खनन माफियाओं पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। अरपा नदी से सटे दर्जनों गांवों में नदी के अंदर बेरोक टोक खनन कार्य जोरों पर चल रहा है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद तस्करों ने खनन दिन रात शुरू कर दिया है।
इसके लिए पूरा रैकेट बना हुआ है।रेत निकालने वाले स्थान से सड़क तक अलग-अलग स्थान पर तैनात रहते हैं, ताकि माइनिंग और राजस्व अन्य टीम से बचाव पर निकल सके। प्रशासन व खनन विभाग, राजस्व अधिकारी आदि की गाड़ी की तरफ मुड़ते ही वह रेत खनन करने वाले अपने साथियों को मोबाइल पर तुरंत सूचना दे देता है। जिससे वे चौकन्ने हो जाते है
जब से हाईकोर्ट व कलेक्टर ने रेत खनन पर रोक लगाई है तब से इसमें बड़ी संख्या में उछाल आ गया है। इसमें बड़ी संख्या में युवा जुड़ें हैं। वे ट्रैक्टर फाइनेंस करा कर लेते हैं और रेत तस्करी में लग गए हैं। एक रात में एक ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत से पांच से 10 हजार रुपए कमा रहे हैं। जो रेत का भाव पहले 500 रुपए ट्रिप के हिसाब से बिकता था अब वह 2000 से 3000 रुपए बिक रहा है।
*पुलिस की मिलीभगत - हर गांव में पुलिस के मुखबिर हैं फिर भी इन पर रोक नहीं लग रही*
आसपास गांव के लोगों ने बताया कि सुबह 3 बजे से नदी में ट्रैक्टर ट्रालियां पहुंच जाती हैं। बेलगहना क्षेत्र की अरपा नदियों से रोजाना सैकड़ों ट्राली,में रेत निकाली जा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि सैकड़ों रेत की ट्रालियां रोजाना बेलगहना पुलिस के सामने से निकलती हैं,पर पुलिस कोई पूछताछ तक नहीं करती है। जबकि रेत माफिया दिन रात नदी से रेत निकालकर नदियों को खोखला कर रहे हैं। इससे पुलिस की साफ मिलीभगत नजर आती है। बेलगहना छेत्र के धोबघट, चाटापारा गंगानगर,केकरा खोली, में रोजाना 100,200 से अधिक ट्रैक्टर ट्रालियों में रेत भरकर ले जाई जा रही है। जो कोटा ,तखतपुर, गोबरीपाठ बेलपान,चपोरा,खैरा सहित आसपास चल रहे निर्माण कार्यों में भेजी जाती है।
पकड़े जाने पर भी दिखाते हैं अफसरों से पहुँच का धौंस ज़ब परिवहन करते अथवा रेत लोडिंग के वक़्त ट्रेक्टर पकड़े जाते हैं ट्रेक्टर के चालक और मालिकों के द्वारा कहा जाता है ट्रेक्टर के लिए पुलिस चौकी मे बात हो गई है, कोई कहता है की मै राजस्व अधिकारी का रिश्तेदार हूं।
अधिकारी भी निभाते दिखते हैं रिश्तेदारी अधिकारीयों को सूचना देने पर भी यह कहा जाता है की मै पटवारी या अन्य कर्मचारी को तत्काल भेजता हूं जबकि मौके पर रेत भरने वाले ट्रेक्टर आराम से रेत भरकर निकल जाते हैं फिर भी न पुलिस न राजस्व कोई अधिकारी कर्मचारी अवैध खनन परिवहन रोकने पहुँचता।




















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