मां शांति इंग्लिश मीडियम स्कूल लक्ष्मीपुर के बच्चों ने बनाई बाँस की विभिन्न कलाकृतियां।
इतिहास में जब हम झांक कर देखते हैं तो सबसे पहले आदिमानव ने बाँस के कलाकृतियां विभिन्न प्रकार के वस्तुओं का निर्माण बाँस से कि होगी ऐसा लगता है कि इसका प्रमुख कारण है इसका लचीलापन खराब ना होना और लंबे समय तक इसका उपयोग करना।साँस साँस में बांस से संबंधित रचनात्मक कलाएं कक्षा 6 के बच्चों के द्वारा पारम्परिक रूप से बांस का उपयोग गांवों में भवन निर्माण, कृषि कार्य, शिल्प निर्माण और कागज़ बनाने में किया जाता रहा है। इसके अतिरिक्त बांस का प्रयोग पौष्टिक आहार एवं मवेशियों के चारे के लिये भी किया जाता है। अपनी मजबूती, लचीलेपन एवं बहुतेरे उपयोग के कारण बांस लकड़ी का विकल्प बन गया | बाँस की बुनाई मानव के इतिहास में तब आरंभ हुई होगी, जब से इंसान ने हाथ से कलात्मक चीजें बनानी आरंभ की और जब मानव घूम-घूम कर भोजन एकत्र किया करता था। भोजन के लिए उसे एक डलियानुमा वस्तु की जरूरत पड़ी होगी। तभी उसने बाँस की बुनाई से डलिया बनाई I इस कलाकृति को बच्चों ने स्वयं बनाया है शासन की ओर से इस प्रकार के कलाकृतियों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि हमारी पुरानी परंपरा बरकरार रह सके
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