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Thursday, March 14, 2024

माठ में श्री शिवमहापुराण कथा का समापन

 रिपोर्टर रोहित वर्मा 

लोकेशन खरोरा


माठ में श्री शिवमहापुराण कथा का समापन




खरोरा;--

ग्राम माठ  में 7 मार्च से 13 मार्च 2024 तक संगीतमय श्री शिव महापुराण  में कथा ज्ञान गंगा यज्ञ का भव्य अयोजन इसमें किया गया जो 13 मार्च को हवन यज्ञ के , साथ पूणाहूति संपन्न हुआ। कथा व्यास पंडित अशोक कृष्ण शर्मा सगुनी वाले ने को श्री शिव महा पुराण की कथा कहा सुनाई । यजमान रामस्वरूप  ,श्रीमती घसनीन वर्मा , कमलेश श्रीमती वंदना वर्मा हेमंत महेश्वर , कपिल वर्मा , कल्पना वर्मा रहे। कथा बला व्यास पंडित अशोक कृष्ण शर्मा ने . श्रद्धालुओं एवं श्रोताओं को रुद्राक्ष धारण  करने के फायदे के बारे में विस्तार से  बताते हुए कहा कि प्राचीन काल से रुद्राक्ष , को अपनी दिव्य चिकित्सा शक्तियों के कारण सबसे कीमती मोतियों में से एक

माना जाता है। कहा जाता है कि जिन पर भगवान शिव की कृपा होती है उन्हें ही इसे धारण करने का अवसर प्राप्त होता है। रुद्राक्ष' शब्द का अर्थ रूद अर्थात् शिव की आंखें और उनके आंसू अर्थात अक्ष है। रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से पेड़ पर लगने वाला फल है। इसे प्रार्थना और ध्यान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली

आध्यात्मिक रूद्र माला में आमतौर पर 108 मनके होते हैं। 1मुखी से लेकर 14 मुखी तक रुद्राक्ष पाए जाते हैं इनमें से सबसे सर्वोत्तम पंचमुखी को माना गया है। जो कोई भी इन रुद्राक्ष को धारण करता है उसके पास तीनों दिव्य देवताओं यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का आशीर्वाद होता है। कथा व्यास के माध्यम से अशोक कृष्ण शर्मा ने भगवान श्री के दो 10 ज्योतिर्लिंग के बारे में बताया जो देश के विभिन्न प्रांतो में स्थित है

 श्री त्रयबेकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र प्रांत नानक के समीप स्थित है। श्री वैद्यनाथ ज्योतिल्लिंग बिहार प्रांत के संथाल परगने में स्थित है। श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रांत के  द्वारा कापुरी के समीप स्थित है। श्री रामेश्वर ज्योतिलिंग की स्थापना मयार्दा पुरुयोत्तम भगवान श्रीरामचंद्र जी ने की थी। ब्रो घुश्मेश्वर ज्योतिलिंग महाराष्ट्र में स्थित है। इस प्रकार शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सामरिक बंधनों से मुक्त कर सकते हैं। शिव को भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। अलौकिक शिव महापुराण को कथा सुन्ना अर्थात पाप से विमुक्त ज्ञान कथा के समापन पर हवन यज्ञ का आयेजन किया गया। कथा के प्रारंभ दिवस से अंतिम दिवस तक श्रद्धालुओं एवं श्रोताओं की भीड़ लगी रही। सुबह से हो भक्तों द्वारा   माठ में स्थापित शिवलिंग पर  दूध  ,बेलपत्र , धतूरा, फूल, श्रीफल अर्पित किए जा रहे थे।इस अवसर  पर रामबगस  ,रामसालिक नरोत्तम  ,रामगोपाल  ,श्यामलाल संतोष , श्रीमती शैलेंद्र  ,श्रीमती धनेश्वरी  ,योगेश  ,श्रीमती रामेश्वरी नंदकुमार , सहित समस्त वर्मा परिवार उपस्थित थे।

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