बिलखंड के जंगल में झापी पथरा महोत्सव के राहस्य
कुंजराम यादव बसना रिपोर्टर
बसना ब्लाक के उत्तर दिशा 30 किलोमीटर अंतर्गत आने वाले वनांचल ग्राम बिलखंड में जंगल में कुवार महिना के शुक्ल पक्ष 14 हर वर्ष जंगल में मंगल पुजा पाठ किया जाता है जिसमें पूर्वजों का रहस्य है आज से लगभग 200 वर्ष पूर्व में पत्थर के नीचे सोना चांदी के गहना हुआ करता था जिसमें कुवार महिना के शुक्ल पक्ष 14 को पत्थर के दुवार खुला करता था और उसी दिन सोना चांदी को ग्राम बिलखंड के महिला पुरूष पहन कर सुवा करमा नृत्य करते थे और झापी पथरा का पुजा पाठ करके फिर से सोना चांदी को उसी पत्थर के नीचे रख दिया करते थे और पत्थर का द्वार बंद हो जाता था। ग्रामीणों का कहना है कि आज भी पत्थर के नीचे सोना चांदी है जो देव रुपी हो गया है। इसलिए हर वर्ष झापी पथरा का पुजा अर्चना किया जाता है। उसके उपलक्ष में करमा, सुवा, गम्मत नाच का आयोजन किया जाता है जिसमें भारी भीड़ के संख्या में श्रद्धालु आते हैं। हर वर्ष के भाती इस वर्ष भी कुवार महिना के शुक्ल पक्ष 14 दिनांक 16/10/2024 दिन बुधवार को करमा, सुवा, गम्मत किया गया है।
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