रामदर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा की 10वीं की दो बाल वैज्ञानिकों ने किया कमाल, राष्ट्रीय स्तर पर दिखायेंगे प्रतिभा का जलवा
राज्य से राष्ट्रीय स्तर तक: रामदर्शन पब्लिक स्कूल की छात्रायें प्रीति और रोशनी का चयन
राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रदर्शनी में राम दर्शन पब्लिक विद्यालय के दो बाल वैज्ञानिकों का चयन
पिथौरा /महासमुंद जिले के पिथौरा, जहां राम दर्शन पब्लिक स्कूल जंघोरा में पढ़ने वाली दो छात्राओं ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है,
जिसने विज्ञान के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। राम दर्शन पब्लिक विद्यालय जंघोरा की 10वीं की दो छात्राएं रोशनी पिता गोपाल चौधरी, प्रीति पिता पुरुषोत्तम पटेल ने एक ऐसी “मल्टीपरपज इलेक्ट्रिक कार” विकसित की है, जो चलते-चलते खुद-ब-खुद चार्ज हो जाती है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहनों की दुनिया में क्रांति ला सकती है। इस कार में एक विशेष डिवाइस का उपयोग किया गया है, जो किसी डायनमो की तरह काम करता है। जैसे ही गाड़ी चलती है, यह डिवाइस बैटरी को लगातार चार्ज करता रहता है। इसका मतलब है कि इस कार को किसी भी बाहरी चार्जर या ईंधन की आवश्यकता नहीं होगी। आप इसे हजारों किलोमीटर तक बिना रुके चला सकते हैं।इस नवीनतम मॉडल का नेहरू युवा केंद्र छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित युवा उत्सव के ब्लॉक से संभाग स्तर तक उत्कृष्ट प्रदर्शन करते प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य स्तरीय युवा उत्सव साइंस कॉलेज रायपुर में जिसका आयोजन 12 से 14 जनवरी आयोजित किया गया था जहां राम दर्शन पब्लिक स्कूल के बच्चों के द्वारा बनाए गए नवीनतम मल्टीपरपज स्मार्ट कार उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर विज्ञान मेला दिल्ली के लिए चयन किया गया है।जहां समापन समारोह में मुख्य उपस्थिति राज्यपाल रेमन डेका,,उप मुख्यमंत्री अरुण साव, खेल मंत्री टंक राम वर्मा, विधायक धरसीवा अनुज शर्मा, राज्य युवा आयोग अध्यक्ष विश्व विजय सिंह तोमर अतिथियों ने विजेता प्रतिभागियों को मोमेंटो, प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया। इस अवसर पर सचिव खेल एवं युवा कल्याण विभाग हिम शिखर गुप्ता, संचालक खेल एवं युवा कल्याण विभाग तनुजा सलाम, कलेक्टर गौरव सिंह उपस्थित रहे। इस मॉडल निर्माण मार्गदर्शन में विशेष योगदान युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर संस्कार शिक्षण संस्थान के संचालक एवं राम दर्शन पब्लिक विद्यालय के विज्ञान शिक्षक रमाकांत ध्रुवंशी का रहा है और इस उपलब्धि के लिए विद्यालय की डायरेक्टर कविता अग्रवाल, सेक्रेटरी शुभ अग्रवाल, प्राचार्य जोगिंदर मेहेर, महासमुंद जिले के कलेक्टर विनय कुमार लंगेह , जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सांवत, सहायक संचालक शिक्षा सतीश नायर, विकासखंड शिक्षा अधिकारी मनोज धृतलहरे, और खेल अधिकारी सुधीर प्रधान सहित कई अधिकारियों ने इस उपलब्धि की प्रशंसा की।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान मेले में यह मॉडल किस तरह की पहचान बनाता है। यह नई तकनीक न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित करने की क्षमता रखती है।
छत्तीसगढ़ के इन बाल वैज्ञानिकों की आविष्कार यह साबित करती है कि बड़े बदलाव लाने के लिए उम्र नहीं, बस जुनून और मेहनत की जरूरत होती है।”
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