स्कूलों में बच्चों को आवारा कुत्तों से बचाने के लिये शिक्षा विभाग की नई व्यवस्था लागू
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर - माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा Suo Moto Writ Petition (Civil) No. 05/2025 में दिये गये स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुपालन में तथा छत्तीसगढ़ शासन , पशुधन विकास विभाग , मंत्रालय नवा रायपुर के पत्र क्रमांक ई -166671 & 153108/LAW-42/1802/2025/1724 दिनांक 13.11.2025 के आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आदेश जारी किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अब राज्य के प्रत्येक स्कूल के प्राचार्य या संस्था प्रमुख को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। नोडल अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि स्कूल परिसर या आसपास यदि आवारा कुत्ते दिखाई दे , तो उसकी जानकारी तुरंत संबंधित ग्राम पंचायत , जनपद पंचायत या नगर निगम के डॉग क्रैचर नोडल अधिकारी को दें। साथ ही स्कूल परिसर में कुत्तों का प्रवेश रोकने के लिये आवश्यक अवरोधक उपाय सुनिश्चित करें। यदि किसी बच्चे के साथ आवारा कुत्ते द्वारा काटे जाने की घटना होती है , तो बच्चे को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी ताकि आवश्यक प्राथमिक ईलाज समय पर उपलब्ध कराया जा सके। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन निर्देशों का उद्देश्य प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों के लिये सुरक्षित , भय-मुक्त और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप तथा पशुधन विकास विभाग के मार्गदर्शन में यह अभियान पूरे प्रदेश में तेजी और संवेदनशीलता के साथ लागू किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों , बीईओ , बीआरसी , सीआरसी तथा स्कूल प्रबंधन समितियों से अपेक्षा की है कि वे इन दिशा-निर्देशों का कठोरतापूर्वक पालन सुनिश्चित करें और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।


















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