पंंकज शर्मा, रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के रायपुर शहर ज़िला अध्यक्ष व पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने राजधानी में लगातार हो रहीं आपराधिक वारदातों को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब प्रदेश की राजधानी में ही अपराधी सरेराह अपराध करके क़ानून-व्यवस्था को खुली चुनौती दे रहे हैं तो प्रदेश के हालात का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। श्री सुंदरानी ने कहा कि राजनीतिक तिकड़मबाजियों में मशगूल प्रदेश सरकार के शांति, नागरिक सुरक्षा और निर्भीक वातावरण के तमाम दावे खोखले साबित हो चुके हैं, फिर भी यह सरकार झूठ-फ़रेब का जाल फैलाकर अपनी वाहवाही कराती और प्रदेश को भरमाती ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रही है।रायपुर शहर ज़िला भाजपा अध्यक्ष व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि प्रदेश में अपराधों का बढ़ता ग्राफ लोगों को दहशत के साए में जीने को मज़बूर कर रहा है। मारपीट, चाकूबाजी, बलात्कार, हत्या, अपहरण, चोरी, लूट, जुआ-सट्टा व नशाखोरी आदि कोई एक भी ऐसा अपराध-कर्म बाकी नहीं रह गया है, जिससे राजधानी समेत प्रदेश का कोई इलाका अछूता हो। इनमें चाकूबाजी की वारदातों में आरोपी नशेड़ी होते हैं। रविवार-सोमवार को गुढ़ियारी व राजेंद्रनगर इलाके में हुई चाकूबाजीकी घटनाओं का हवाला देकर श्री सुंदरानी ने कहा कि राजधानी के आऊटर में सुनसान ज़गहों पर भी बदमाशों का आतंक बढ़ गया है। विधानसभा और धरसींवा इलाकों में इस तरह की वारदातें बढ़ी हैं और चाकूबाजी कर बाइक लूटे जाने की ख़बर प्रकाश में आई है। गुंडों-बदमाशों को राजनीतिक संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए श्री सुंदरानी ने कहा कि अपराधी के गिरफ़्तार होते ही सत्तापक्ष के नेता उन्हें बचाने में जुट जाते हैं और आरोपी इसी शह पर अपनी धौंस जमाने का दुस्साहस कर रहे हैं।

रायपुर शहर ज़िला भाजपा अध्यक्ष व पूर्व विधायक श्री सुंदरानी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के सरकार सत्ता में आते ही अपराधी सत्ता-संरक्षण में खुलेआम अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। बदलापुर की राजनीति के चलते पुलिस-प्रशासन के राजनीतिक इस्तेमाल ने क़ानून-व्यवस्था को चौपट कर दिया है। हालात यह हो चले हैं कि प्रदेश में वर्ष 2019 में ही आत्महत्या समेत दीग़र अपराधों का ग्राफ़ बहुत बढ़ा है और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश सरकार ‘नवा छत्तीसगढ़’ नहीं, बल्कि ‘नवा अपराधगढ़’ गढ़ने में लगी है। श्री सुंदरानी ने कहा कि महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के सरकारी दावों का ज़मीनी सच तो और भी भयावह है। राजधानी रायपुर और मुख्यमंत्री-गृह मंत्री के गृह ज़िले दुर्ग रेंज में ही महिलाओं के साथ सबसे ज़्यादा अपराध घटे हैं। चालू वर्ष के पिछले नौ माह में ही प्रदेश में बलात्कार के मामले 15 सौ पार हो चुके हैं। ये आँकड़े प्रदेश सरकार की शर्मनाक विफलता की ग़वाही दे रहे हैं और प्रदेश के एक मंत्री प्रदेश में सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को ‘छोटी-मोटी घटना’ मान रहे हैं!
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