प्रशिक्षण ही सेवा की नींव होती है - रतन लाल डांगी
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर (चंदखुरी) - किसी भी सेवा के लिये प्रशिक्षण ही महत्वपूर्ण होता है। जो भी व्यक्ति प्रशिक्षण के दौरान सजग होकर एवं रूचि लेकर काम सीखता है , वह क्षेत्र में किसी भी प्रकार की चुनौती आने पर उसे आसानी से हल कर सकता है।
उक्त बातें राज्य पुलिस अकादमी चंदखुरी के निदेशक रतन लाल डांगी ने प्रशिक्षणाधीन उप पुलिस अधीक्षकों को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा में आपको आने का मौक़ा मिला है , जिस पर आपको गर्व महसूस करना चाहिये। इससे आप लोगों की तत्काल मदद कर सकते हैं , पीड़ित को हिम्मत एवं साहस देने के साथ साथ न्याय भी दिला सकते हैं। पुलिस की वर्दी लोगों को आत्मविश्वास देती है। आपको लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहिये , आपको फ़रियादियों को धैर्य के साथ सुनना चाहिये। पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ साथ सहानुभूति भी रखनी चाहिये। आपको आम लोगों के साथ वो व्यवहार नहीं करना चाहिये जो आप स्वयं सिविलियन होते हुये पुलिस से नहीं चाहते थे। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस लोगों की सुरक्षा एवं सेवा के लिये है। पुलिस की नौकरी आपको केवल अपनी मेहनत से ही नहीं मिली है बल्कि पीड़ितों की दुआओं का भी बहुत बड़ा योगदान है। ज़रूर पीड़ित ने भी दुआयें की होगी कि कोई ऐसा व्यक्ति आये जो उसकी मदद कर दे और उसकी दुआओं से आपको यह पद मिला है। निदेशक डांगी ने कहा कि आपका अपना व्यवहार ही आपकी सफलता का आधार है। हर व्यक्ति का आत्मसम्मान है , उसका सम्मान आपको करना चाहिये। हर व्यक्ति के मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिये। आप युवाओं के रोल मॉडल है इसलिये आपको अपना चाल ,चलन एवं चरित्र भी उच्च कोटि का रखना होगा। जिससे युवा आपका अनुसरण करके आपके जैसा बनने का सपना देख सके। आपको ऐसी बुराईयों से भी दूर रहना होगा जिसको समाज में अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता है। आपको अपने अधिनस्थों के साथ भी अच्छा व्यवहार करना होगा , वो ही आपकी ताक़त होती है। पुलिस टीम भावना से काम करने से ही सफल होती है। उन्होंने कहा कि आपको तनाव से दूर रहना चाहिये।शांत मन से निर्णय लेने से ही हमेशा सही परिणाम आता है। आपको ना केवल शारीरिक रूप से मजबूत होना चाहिये बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होना होगा। पारिवारिक जीवन एवं नौकरी में संतुलन बनाकर चलना चाहिये ।आपको यह ध्यान रखना चाहिये कि आपके कारण कोई दुखी ना हो , आप किसी के दुख का कारण ना बनें। आपके पास आने वाले हर व्यक्ति को सुनना चाहिये , तभी उसकी समस्या को आप समझ पायेंगे। आपको स्वयं अनुशासित रहना होगा तभी किसी को आप अपना उदाहरण दे पायेंग। उन्होंने कहा कि आप अब से राष्ट्रीय सम्पति हैं , अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और समाज को बेहतर बनाने अपना अमूल्य योगदान दें।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.