जयंती: चौकी विकासखंड में वीरांगना दुर्गावती जयंती धूमधाम से मनी
वीरांगना महारानी दुर्गावती का आत्मबलिदान आदिवासी समाज के लिए अनुकरणीय: इंद्रशाह मंडावी
रानी दुर्गावती भारत की एक प्रसिद्ध वीरांगना थी, जिसने मध्यप्रदेश के पूरे गोंडवाना क्षेत्र में राज किया। 15 वर्षो तक राज करने वाली रानी दुर्गावती गोंडवाना साम्राज्य का अमिट हस्ताक्षर है। जिन्होंने गोंडवाना साम्राज्य के लिए दुश्मन के सामने घुटने नही टेके बल्कि आत्मबलिदान का परिचय दिया और स्वयं ही कटार अपने पेट में भोंककर आत्मबलिदान की पथ पर आगे बढ़ गई। आदिवासी रानी मरना जरूरी समझी पर किसी के सत्ता में रहना नही। इससे हमे यही शिक्षा मिलता है की अपने स्वाभिमान और आत्मबल से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। उक्त उद्गार विधायक मोहला-मानपुर इंद्रशाह मंडावी संसदीय सचिव छग शासन ने महारानी दुर्गावती जयंती समारोह में कही।
कार्यक्रम को लेकर आदिवासी समाज में उत्साह
वीरांगना महारानी दुर्गावती के जन्म जयंती के अवसर पर अंबागढ़ चौकी विकासखंड के अलग-अलग गांवो में आदिवासी समाज उत्साह से परिपूर्ण थे सभी जगह कार्यक्रम का शुरुवात रानी दुर्गावती के प्रतिमा व तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर शुरू किया गया। विकासखंड के कोरचाटोला, कुम्हली, बड़े कलकसा तथा करमतरा में रानी दुर्गावती का जन्म जयंती बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया जहां अन्य क्षेत्रों से आदिवासी समाज के लोग जयंती कार्यक्रम में भागीदार बने।
वक्ताओं ने रखी अपनी बात, रानी बलिदानी थी
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अंबागढ़ चौकी के अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी ने महारानी दुर्गावती के शौर्य एवं बलिदान को चरितार्थ किया। कार्यक्रम को संभागीय गोड़ समाज के महासचिव कुमार कोरेटी, जवाहर बोगा ने संबोधित किया सभी वक्ताओं ने महारानी दुर्गावती के शौर्य और पराक्रम को अनुकरणीय बताया।
मोहला से योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट
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