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Monday, January 1, 2024

हिट एंड रन के नए कानून का असर...विरोध में उतरे ट्रक और बस चालक, हाइवे पर लगा जाम....आवश्यक आपूर्ति सेवाएं भी ठप्प

 हिट एंड रन के नए कानून का असर...विरोध में उतरे ट्रक और बस चालक, हाइवे पर लगा जाम....आवश्यक आपूर्ति सेवाएं भी ठप्प




रतनपुर से ताहिर अली की रिपोर्ट



रतनपुर...... हिट एंड रन के मामले में चालकों पर भारी भरकम जुर्माने के साथ ही 10 साल तक कि कठोर कारावास की सजा का प्रावधान नए बिल में किया गया है, केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है पूरे देश मे इस बिल के विरोध में चालक उतर गए है जो अब ड्राइवरी का काम छोड़ने मजबूर होने की बात कह रहे है



जिससे बेरोजगारी और उनके परिवारों का जीवन यापन चिंता का विषय बन गया है, सोमवार को 1 जनवरी से इस विरोध प्रदर्शन के तहत हाइवे पर ट्रक चालकों ने हड़ताल की शुरुआत कर दी है, जिससे सड़को पर वाहनों की कतार लग गई है और बड़े वाहनों के पहिये थम गए है


रतनपुर हाइवे पर सड़क पर उतरे ट्रक चालक..


नए कानून में सड़क हादसा होने पर आरोपी वाहन चालक को दस साल की सजा और लाखों रुपये का जुर्माने का प्रावधान है। चालक नए कानून का लगातार विरोध कर रहे हैं। सुबह से ही चालकों ने हड़ताल कर दी। उन्होंने वाहन खड़ी कर दीं और विरोध प्रदर्शन किया। चालकों ने कहा कि वह रोजाना करीब 400 रुपये कमाते हैं। यदि हादसे में इस तरह से जुर्माना और सजा होगी तो परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएगा। जुर्माने की राशि कहां से देंगे। इसलिए ऐसा कानून न लाया जाए। दूसरी ओर ट्रक चालक वाहनों को खड़ा कर हड़ताल पर चले गए और प्रदर्शन कर कानून न लाने की मांग कर रहे है।

चालको की तकलीफ़...


सरकार ने जो कानून बनाया है, उनमें दुर्घटना होने पर दस साल की सजा और लाखों रुपये जुर्माने का प्रावधान है। रुपये हम कहां से देंगे?। इतने रुपये हमारे पास होते तो हम वाहन ही क्यों चलाते। सरकार इस कानून को वापस ले।....हम गरीब लोग रुपये कहां से देंगे और दस साल जेल में रहेंगे तो परिवार की देखभाल कौन करेगा। जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी। तब तक हम हड़ताल पर रहेंगे...ट्रक ड्राइवर पहले से ही परेशान हैं। किसी तरह परिवार को पाल रहे हैं। अब हम चालक का काम छोड़कर और कौन सा काम करें। हमारे पास दूसरा काम करने के लिए रुपये भी नहीं हैं। दुर्घटना होने पर ड्राइवर को सजा हो गई तो परिवार का क्या होगा?। बच्चों का पालन कैसे होगा?। यह कई सवाल ऐसे हैं, जिसका जवाब किसी के पास नहीं है। ऐसे में सरकार इस तरह के कानून को लाने से बचे। 

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