खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल के नाती के पेट्रोल पंप में पानी मिला पेट्रोल, पत्रकार की गाड़ी बंद
रंजीत बंजारे बेमेतरा छत्तीसगढ़-- बेमेतरा ज़िले के संबलपुर में स्थित एक पेट्रोल पंप में मिलावटी पेट्रोल देने का गंभीर मामला सामने आया है। रायपुर के पत्रकार राजकुमार सतनामी ने आरोप लगाया है कि उन्हें संबलपुर में मंत्री दयालदास बघेल के नाती सत्येंद्र बघेल के पेट्रोल पंप से पानी मिला हुआ पेट्रोल दिया गया, जिससे उनकी गाड़ी मात्र 100 मीटर चलकर ही बंद हो गई।
घटना सोमवार 7 जुलाई की बताई जा रही है। पत्रकार अपने निजी कार्य से नांदघाट होते हुए संबलपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने स्थानीय पेट्रोल पंप से ₹100 का पेट्रोल डलवाया कुछ ही दूरी पर गाड़ी बंद हो गई जांच के लिए वह पास ही स्थित विश्वकर्मा रिपेयरिंग सेंटर ले गए, जहां मिस्त्री ने जांच के दौरान पाया कि टंकी में पेट्रोल के बजाय पूरी तरह पानी भरा था।
पत्रकार ने मिलावटी पेट्रोल को एक डिब्बे में भरकर जब पेट्रोल पंप संचालक सत्येंद्र बघेल से शिकायत की, तो उन्होंने पहले इंकार किया। लेकिन जब मौके पर साक्ष्य और समय बताया गया, तब सत्येंद्र ने बातचीत के दौरान यह कहते हुए दबाव बनाने की कोशिश की कि मैं मंत्री दयालदास बघेल का नाती हूं।
जब पत्रकार ने इस मामले को लेकर संबलपुर चौकी में लिखित शिकायत दी तो वहां पुलिसकर्मियों ने उनका आवेदन रिसीव करने से इनकार कर दिया। चौकी प्रभारी ने कहा कि वे बाद में बुलाकर कार्रवाई करेंगे। पत्रकार ने इस पर आपत्ति जताते हुए फोन पर चौकी प्रभारी से सवाल किया कि किस नियम के तहत वे आवेदन की रिसीप्ट देने से इनकार कर रहे हैं। जवाब न मिलने पर तत्काल चौकी कर्मियों को निर्देश दिए गए और उन्हें रिसीप्ट प्रदान की गई।
प्रशासनिक मिलीभगत पर सवाल
पत्रकार राजकुमार ने आरोप लगाया कि यह केवल उनके साथ नहीं, बल्कि आम जनता के साथ भी ठगी का खेल चल रहा है। यदि यह मामला एक पत्रकार के साथ हो सकता है, तो आम नागरिकों के साथ क्या हो रहा होगा, यह चिंताजनक है।
मंत्री के परिवार की संलिप्तता पर सवाल
यह मामला इसलिए भी संवेदनशील बन गया है क्योंकि पेट्रोल पंप खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल के परिजनों द्वारा संचालित किया जा रहा है, और पेट्रोल में मिलावट जैसे मामलों में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में यदि उन्हीं के परिवार पर आरोप लग रहे हैं, तो निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जाए — यह सवाल उठ रहे हैं।
अब आगे क्या होगा।
अब देखने वाली बात होगी कि क्या प्रशासन इस मामले में निष्पक्षता से जांच करता है या मंत्री परिवार की धौंस के आगे यह मामला भी दबा दिया जाएगा।
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