रायपुर
सांदीपनी एकेडमी अछोटी द्वारा ग्राम अकोला में स्वच्छता ही सेवा थीम पर सात दिवसीय एनएसएस शिविर ।
सांदीपनि अकादमी अछोटी की एनएसएस ईकाई द्वारा दिनांक 01/02/25 से 07/02/2025 तक स्वच्छता ही सेवा थीम पर सात दिवसीय शिविर का आयोजन ग्राम अकोला में किया गया । संस्था के संचालक महेन्द्र चौबे, विनीत चौबे, प्राचार्या डॉ स्वाति श्रीवास्तव, एनएसएस अधिकारी सुधीर तिवारी, विभागाध्यक्ष डॉ संध्या पूजारी के मार्गदर्शन में सहायक प्राध्यापक भागीरथी साहू, रेणु साहू, विजय कुमार, वेद व्यास, रवि शंकर, दिगेश साहू, नीरज कुर्रे एवं एनएसएस स्वयं सेवकों ने शिविर को सफ़ल बनाया।
शिविर में विभिन्न बौधिक चर्चाओं में मुख्य अतिथि के रूप में ठाकुर गौतम सिंह, दिनेश शर्मा, राजेंद्र शर्मा, धर्मपाल जी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में राजूलाल शर्मा उपस्थित रहे जिन्होंने संत रैदास जी की जीवनी एवं हमारी संस्कृति के स्वच्छता के महत्व और अपने जीवन के 70 के दशक के एनसीसी कैंप के अनुभवों को सारगर्भित तरीके से एनएसएस स्वयं सेवकों के समक्ष साझा किया ।
एनएसएस के स्वयं सेवकों के द्वारा प्रभात फेरी, जागरण एवं नित्यकर्म के पश्चात योग ,पी टी ,परेड किया गया तत्पश्चात एनएसएस स्वयं सेवकों के द्वारा आनंद धाम आश्रम के पास सामने मेला मैदान में परियोजना कार्य के अंतर्गत साफ सफाई का कार्य किया गया।आनंद धाम आश्रम में आचार्य ठाकुर गौतम सिंह द्वारा योगा कराया गया और योग के महत्व को समझाया गया ।
नीरज कुमार कुर्रे एवं अवध वर्मा द्वारा अनुशासन का अपने जीवन में महत्व पर विचार विमर्श एवं "स्वच्छता ही सेवा है" के उद्देश्य को निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया गया ।
स्वयं सेवकों द्वारा स्वल्पाहार के बाद परियोजना कार्य के लिए गांव के तालाब के किनारे एवं शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अकोला में वृक्षारोपण एवं स्वच्छता अभियान के तहत हाथ धोने की प्रक्रिया , सूखा कचरा एवं गिला कचरा के उचित प्रबंधन हेतु प्रेरित किया गया उसके पश्चात ग्रामीणों के साथ जनसंपर्क किया गया और गांव की समस्याओं की जानकारियां ली गई।
संध्या बेला में बौद्धिक परिचर्चा एवं एनएसएस कैंप समन्वयक जैनेन्द्र दीवान ( हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग ) एवं हेमंत कुमार साहू जी ( प्रांत मंत्री संगठक संस्कृत भारती छत्तीसगढ़)मुख्य अतिथि के रूप में एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य गौतम सिंह ठाकुर (आनंद धाम अकोला) उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना में व्यक्तित्व के विकास को केंद्र मान कर उसके उद्देश्य व कर्तव्यों को बहुत ही सहजता से अभिव्यक्त किया"
"जीवन जीने की शैली और पर्यावरण संरक्षण तथा कर्तव्य बोध, देश की संपत्ति की रक्षा और स्वामी विवेकानंद के विचारों को व उसके आदर्शों पर विचार विमर्श किए और उदाहरण के रूप में स्व:डॉ मनमोहन सिंह के बचपन के स्कूली शिक्षा का वर्णन किया ओर उनके आदर्शों पर चलने को प्रेरित किया
हमारे जीवन के विशिष्ट लक्ष्य को निर्धारित करने की प्रेरणा दी "नौजवान देश की हिम्मत होती है “।
डॉ सरोज शुक्ला, अवध वर्मा एवं डॉ मीना पांडे का कार्यक्रम में संपूर्ण सहयोग रहा ।
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