भारतीय राज पेंशनर्स महासंघ की कन्याकुमारी (तामिलनाडु) में राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
सी एन आइ न्यूज -पुरुषोत्तम जोशी ।
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ ने प्रधानमन्त्री और देश के सभी मुख्य मंत्री को 17 सूत्री मांगपत्र भेजा
65 वर्ष उम्र से अतिरिक्त पेंशन में वृद्धि, रेल में छूट की सुविधा पुन: बहाल करने, मेडिकल भत्ता देने, छ ग- म प्र से धारा 49 को विलोपित करने आदि मांगे शामिल
छत्तीसगढ़ से सबसे अधिक 83 प्रतिनिधि शामिल हुए।
दुर्ग के अध्यक्ष बी के वर्मा को देश में सार्वाधिक आजीवन सदस्य बनाने और बस्तर संभाग के अध्यक्ष आर एन ताटी नक्सल प्रभावित बेहतर कार्य अंजाम देने के लिए सम्मानित किए गए
छत्तीसगढ़ से बी के वर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आर एन ताटी राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किए गए
देश में सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अधिकारियों के हित को लेकर अखिल भारतीय स्तर पर कार्यरत एकमात्र सक्रिय संगठन "भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ" की गत 29 व 30 जनवरी 2025 को पहली बार कन्याकुमारी तमिलनाडु में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। जिसमें देश भर से 15 राज्यों के पेंशनर्स प्रतिनिधि एकत्रित हुए। इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य से सबसे अधिक प्रतिनिधि 83 पेंशनरों ने भाग लिया।
इस सम्मेलन का शुभारंभ
स्वामी विकेकानंद केंद्र के अखिल भारतीय प्रमुख बालकिशन द्वारा भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। एकनाथ रानाडे सभागृह में दो दिन तक चले चिंतन- मनन- मंथन के बाद 17 बिंदुओं की मांग पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये गए और इन मांगों का ज्ञापन प्रधान मंत्री और सभी राज्यों मे मुख्यमन्त्री को भेजकर त्वरित कार्यवाही की मांग की गई है। उक्त जानकारी भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री एवं छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने दी है।
उन्होंने आगे बताया है कि इस सम्मेलन में पेंशनर्स महासंघ की देश में सबसे अधिक आजीवन सदस्यता के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की सराहना की गई और देश में जिले में सर्वाधिक सदस्य बनाने के लिए जिला दुर्ग के अध्यक्ष बी के वर्मा और नक्सल क्षेत्र बस्तर संभाग में संगठन सभी जिलों में संगठन के कार्य विस्तार में योगदान तथा प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया सोशल मीडिया में संगठन क्रियाकलापों का उन्नत प्रचार प्रसार के लिए बस्तर संभाग के अध्यक्ष आर एन ताटी को मंच में आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। सम्मेलन में दुर्ग के बी के वर्मा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बस्तर संभाग जगदलपुर से आर एन ताटी को राष्ट्रीय सचिव पद पर नियुक्त कर महत्वपूर्ण दायित्व देकर छत्तीसगढ़ राज्य को गौरवान्वित किया गया।
भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ के वार्षिक सम्मेलन एवं राष्ट्रीय कार्य समिति की आयोजित बैठक दिनांक 29 एवं 30 जनवरी 2025 को कन्याकुमारी (तामिलनाडु) में मांगों पर सर्व सम्मति से 17 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किए गए।
1/- सांसद राधा मोहन सिंह कमेटी की शिफारिश सार्वजनिक कर लागू की जाए और समय-समय पर उम्र बढ़ने के साथ अतिरिक्त पेंशन वृद्धि नियम में संशोधन कर 80 वर्ष के स्थान पर 65 वर्ष पर प्रारंभ हो और 65,70,75 वर्ष की आयु में क्रमशः 5,10,15% प्रतिशत राशि का अतिरिक्त पेंशन भुगतान की जाए।
2/- पेंशन सारांशीकरण (कम्यूटेशन) राशि की वसूली 15 वर्ष के स्थान पर 10 वर्ष किया जावे। इस विषय पर पंजाब - हरियाणा और तमिलनाडु हाईकोर्ट के निर्णय को संज्ञान में लेकर कार्यवाही हो।
3/- केंद्र एवं सभी राज्यों में पेंशनर को प्रतिमाह ₹2000 मेडिकल भत्ता दिया जाए और पूर्ण कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाए।
4/- महंगाई राहत की किश्तें पेंशनरों को केंद्र द्वारा घोषित तिथि एवं दर से देने हेतु राज्य सरकार को बाध्यकारी बनाने संसद में कानून बनाया जाए। 5/- केन्द्र सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों की रेल यात्रा में रोकी गई छूट की सुविधा को तुरन्त पुन: बहाल करे तथा केंद्र एवं राज्य में पेंशनरों को बस एवं रेल किराए में कम से कम 50% की छूट की सुविधा दी जाए ।
6/- पेंशनरों को भारत भ्रमण के लिए 3 वर्ष में एक बार आर्थिक सहायता दी जाए ।
7/- छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के बीच राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत आर्थिक भुगतान में बाधक धारा 49 (6) को विलोपित करने हेतु जरूरी कार्यवाही किया जाए।
8/- पेंशनर के मृत्यु होने के पश्चात उनके परिजनों को दाह संस्कार हेतु 50000 की आर्थिक मदद की जाए।
9/- सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए।
10/- पेंशनर्स के सेवानिवृत्त होने के पश्चात मिलने वाली पेंशन राशि में अधिक भुगतान की वसूली पर हाई कोर्ट के निर्णय के परिपालन में स्थाई रोक के आदेश जारी की जाए।
11/- 31/12/1988 के पूर्व नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्चात अवकाश नकदीकरण, अहर्तादायी सेवा मान्य करते हुए नियमित सेवानिवृत्ति कर्मचारी की भांति समस्त लाभ दी जाए।
12/- केंद्र सहित सभी राज्यों में पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन की जाए।
13/- उत्तर प्रदेश की भांति 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन की पात्रता दी जाए। विलंब से सेवा में आए कर्मचारियों के लिए न्यूनतम पेंशन कम से कम 15000 हो
14/- वन नेशन वन पेंशन की स्कीम केन्द्र एवं राज्य सेवा में लागू की जावे।
15/- आठवें वेतन आयोग की सिफारिश केंद्र के साथ साथ सभी राज्य में एक साथ लागू करने कानून बनाया जाए।
16/- विलंब से पेंशन पेमेंट आर्डर (PPO) जारी किए जाने पर पेंशनर को 12% प्रतिशत ब्याज दर से राशि का भुगतान किया जावे।
17/ ईपीएफ के दायरे में आने वाले कमचारियों का न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 7500 किया जावे।
आगे बताया गया है कि पेंशनर्स महासंघ के द्वारा पारित प्रस्ताव पर त्वरित कार्रवाई हेतु भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ का 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल नई दिल्ली में इसी बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्री से प्रत्यक्ष भेंट कर निराकरण का आग्रह करेगें। इसके लिए समय लेने हेतु हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है।
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