दिनांक: 30 जून 2025
जिला: विदिशा
नए आपराधिक कानून को एक वर्ष पूर्ण
तकनीक आधारित पारदर्शी न्याय प्रणाली की ओर सार्थक कदम
आज दिनांक 30 जून 2025 को भारतीय न्याय व्यवस्था में लागू हुए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे नए आपराधिक कानूनों को एक वर्ष पूर्ण हो गया है।
यह वर्ष डिजिटल युग में पुलिस व न्याय प्रणाली के तकनीकी सशक्तिकरण के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
विदिशा ज़िले की उपलब्धियाँ - एक वर्ष में उल्लेखनीय प्रगति:
कुल 8547 अपराध नए कानूनों के अंतर्गत पंजीबद्ध किए गए।
ICJS प्रणाली के माध्यम से पुलिस, अभियोजन, न्यायालय और जेल विभाग के मध्य समन्वय स्थापित हुआ।
डिजिटल प्रक्रियाओं के कारण न्यायिक कार्यवाही अधिक पारदर्शी, प्रभावी और समयबद्ध बनी।
प्रमुख डिजिटल पहलें और उनके प्रभाव:
ई-कोर्ट, ई-समन और वॉरंट मॉड्यूल – विधिक दस्तावेजों की प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन।
MedLeaPR – अस्पतालों से सीधे MLC व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का समावेश।
ई-प्रिज़न व ऑनलाइन पेशी प्रणाली – पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुगम एवं सुरक्षित।
SC/ST मॉड्यूल व साक्ष्य ऐप – संवेदनशील मामलों की निगरानी एवं डिजिटल साक्ष्य संग्रहण।
ICJS प्रणाली पेपरलेस न्याय प्रणाली की दिशा में क्रांतिकारी कदम है, जिससे पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हो रहा है।
ई-ऑफिस प्रणाली में प्रगति:
ई-नोटिंग, फाइल ट्रैकिंग, दस्तावेजों का डिजिटल संग्रहण जैसे मॉड्यूल्स प्रभावी रूप से क्रियान्वित।
समस्त कार्यालयीन कार्य अब ई-ऑफिस पोर्टल से संचालित, जिससे पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित हुई है।
सीसीटीएनएस एवं डिजिटल पुलिसिंग में उपलब्धियाँ:
ई-एफआईआर, जीरो एफआईआर, ई-विवेचना, ई-साक्ष्य, ई-समन/वारंट तामीली जैसी सेवाएं अब ऑनलाइन।
शिकायतकर्ताओं को त्वरित सेवा व न्याय सुनिश्चित।
विस्तृत आँकड़े – विदिशा जिले में:
आम नागरिकों द्वारा MP Police Website/MP COP App/ Citizen Portal से अब तक कुल 47 ई-एफआईआर दर्ज की गईं।
पुलिस द्वारा टैबलेट से ई-विवेचना करते हुए 745 प्रकरणों में डिजिटल साक्ष्य, बयान व नक्शा मौके पर संकलित।
ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से 752 डिजिटल साक्ष्य (बयान, जब्ती, गिरफ्तारी आदि) संकलन, 225 विवेचकों द्वारा तैयार।
ई-रक्षक ऐप से ई-समन/वारंट की ऑनलाइन तामीली, जिससे समय व संसाधनों की बचत हुई।
किसी भी थाने में FIR दर्ज कराई जा सकती है – जिसे आवश्यकता अनुसार Zero पर दर्ज कर संबंधित थाने को स्थानांतरित किया जाता है।
प्रशिक्षण एवं जन-जागरूकता प्रयास:
ICJS, ITSSO, NDSO, e-Rakshak, e-Vivechan मॉड्यूल्स पर नियमित प्रशिक्षण।
NCRP पोर्टल व CEIR प्रणाली से साइबर अपराध और मोबाइल गुमशुदगी का त्वरित निराकरण।
तकनीकी दक्षता से थाना स्तर पर विवेचना अधिक सशक्त हुई है।
पिछले एक वर्ष में नए आपराधिक कानूनों के सफल क्रियान्वयन एवं डिजिटल एकीकरण से न्यायिक व्यवस्था अधिक पारदर्शी, त्वरित व जवाबदेह बनी है। विदिशा पुलिस तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाते हुए जनहित में कार्यरत है।
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