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Sunday, July 6, 2025

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ की देश में "वन नेशन वन पेंशन" योजना लागू करने की मांग प्रधानमंत्री को ज्ञापन देंगे

 भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ की देश में "वन नेशन वन पेंशन" योजना लागू करने की मांग 



प्रधानमंत्री को ज्ञापन देंगे

   सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।       

रायपुर-भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के गत दिनों नासिक महाराष्ट्र के राष्ट्रीय पदाधिकारी के बैठक में लिए गए निर्णय के तहत देश में "वन नेशन वन पेंशन" योजना लागू करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन देंगे। इस मांग के पूरा होने से एनपीएस-यूपीएस के विवाद भी सुलझने की पूरी संभावना है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकार से इस मांग पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है।

 भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश रायपुर संभाग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार त्रिवेदी ने आगे बताया है कि इस मांग को नासिक महाराष्ट्र की राष्ट्रीय बैठक के मांग सत्र में छत्तीसगढ़ की ओर से राष्ट्रीय महामंत्री तथा प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने सदन में प्रस्तुत किया जिसे देश भर से आए महासंघ के पदाधिकारियों ने सहमति देते हुए सर्व सम्मति से इसे पेंशनर्स महासंघ के डिमांड चार्ट में शामिल करने का निर्णय लिया है और इस मांग पर राष्ट्रीय महामंत्री भी होने के नाते प्रधानमंत्री को पत्र भेजे जाने हेतु प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव को अधिकृत किया गया है।


 किसी भी राज्य में योजनाओं का क्रियान्वयन शासन करती है पर उस योजना को कार्यान्वित करने का कार्य शासकीय सेवक करते हैं । पर जब उन्हें उनकी सेवा के बदले सुविधाओं की बात होती है तो  केंद्र और राज्य के शासकीय सेवकों को डीए डीआर देने में भिन्नता प्राकृतिक न्याय के विपरीत है ।

       प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन "वन नेशन - वन इलेक्शन"  यह देश में सारे लोगों को एक सूत्र में पिरोने की एक अच्छी पहल है ।

       इसी तरह भारत के सभी राज्यों में “वन नेशन, वन पेंशन” लागू किया जाये और जिस दिन से केंद्र के लिए DA/DR लागू होता है उसी दिन से सभी राज्यों में एक साथ राज्य शासन के शासकीय सेवकों के लिए भी लागू हो जाना चाहिए। इससे लाभ ये होगा की राज्य शासन के पेंशनर्स का आर्थिक शोषण नहीं होगा एवं देश के विकास में उनका पूरा सहयोग भी मिलेगा और यह मोदी मंत्र ' "सबका साथ, सबका विकास" के अनुरूप सर्वजन सुखाय भी होगा।


 इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का 2015 का निर्णय है जिसमें DA/DR देने में किसी बंधन को नहीं माना गया है और पेंशन को मौलिक अधिकार माना है और कहा है पेंशन भीख नहीं है।


 कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जे पी मिश्रा महामंत्री अनिल गोल्हानी प्रदेश संगठन मंत्री टी पी सिंह ,प्रदेश कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर, सेवानिवृत दैनिक वेतन भोगी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अनिल पाठक, आर जी बोहरे शरद काले ने कहा है कि शासन डीए डीआर को तोहफ़े के रूप में बिना एरियर विलंब से देकर भी एहसान जताकर हर बार अपमानित करती है जो जीवन के अंतिम पड़ाव में आदेश जारी होने का इंतजार कर रहे पेंशनर साथियों के लिए अत्यंत पीड़ादायक होता है।इसलिए "वन नेशन वन पेंशन" की अवधारणा को अमलीजामा पहनाने की जरूरत है कश्मीर से कन्याकुमारी तक और अटक से कटक तक सभी राज्य सरकारें केन्द्र के समान सुविधाएं उपलब्ध करने हेतु बाध्य होगी।

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