विज्ञान संचारकों का महाकुंभ (अपूर्व विज्ञान मेला) में प्रकृति शिक्षण विज्ञान यात्रा दल ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का गौरव
नागपुर। प्रकृति शिक्षण विज्ञान यात्रा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से पहुँचे 50 शिक्षकों और विद्यार्थियों के दल ने महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित अपूर्व विज्ञान मेला में अपनी उत्साहपूर्ण और सक्रिय सहभागिता से प्रदेश का नाम रोशन किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में बस्तर इको क्लब बड़ेमुरमा एवं जमावड़ा के बच्चों द्वारा हाथ से बनाया गया विशेष गुलदस्ता भेंट किया गया, जिसने सांस्कृतिक सौहार्द और विज्ञान प्रेम का संदेश दिया।
विज्ञान संवाद एवं "Science Spark" सत्र
संस्था के लखन साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए विज्ञान संचारकों के लिए महामेट्रो नागपुर द्वारा “Science Spark” कार्यक्रम के अंतर्गत जीरो माइल स्टोन मेट्रो स्टेशन से लगातार दो घंटे तक एक विशेष विज्ञान चर्चा सत्र आयोजित किया गया।
इस सत्र में रोज़मर्रा के विज्ञान, पर्यावरण संरक्षण, शोध, नवाचार और तकनीक से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत विमर्श हुआ।
विज्ञान केंद्रों का भ्रमण
दल ने रमन साइंस सेंटर एवं यंग कलाम साइंस सेंटर का भ्रमण किया, जहाँ विद्यार्थियों ने—
वैज्ञानिक मॉडल
अंतरिक्ष प्रदर्शनी
रोबोटिक्स
विज्ञान आधारित प्रयोग
को स्वयं प्रयोग कर नजदीक से समझा। इस अनुभव ने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक जिज्ञासा और नवाचार की भावना को और प्रबल किया।
मुख्य आकर्षण : प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह वितरण
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सभी प्रतिभागी शिक्षकों, विज्ञान संचारकों और विद्यार्थियों को सहभागिता प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि “विज्ञान का उद्देश्य समाज की समस्याओं का समाधान ढूँढना और राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर आगे ले जाना है।”
दल के प्रमुख सदस्य
अध्यक्ष श्री अभिषेक शुक्ला के मार्गदर्शन में दल ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रमुख सदस्यों में—
लखन लाल साहू, भुवनेश्वर मरकाम, अशोक जंघेल, कुमार मंडावी, समीक्षा, मनीष कुमार अहीर, संध्या कुशल भारती तिवारी ,संदीप, आदित्य,चन्द्रिका, टेकराम जनार्दन, बृजलाल मंडावी, हपका मुत्ता, आत्मा साहू, पूरन लाल साहू,अर्चना , ईश्वर तथा अन्य सभी सदस्य सम्मिलित रहे।
यात्रा का प्रभाव
छत्तीसगढ़ से लौटा यह दल न केवल अपनी वैज्ञानिक समझ को समृद्ध कर वापस आया, बल्कि समाज को विज्ञान से जोड़ने के संकल्प को और दृढ़ कर गया।
यह यात्रा विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार की भावना विकसित करने की दिशा में एक सार्थक एवं प्रेरणादायी कदम साबित हुई।




















No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.