मल्हार नवोदय विद्यालय में अध्यनरत बेलगहना के छात्र की मौत
परिवार में मचा कोहराम
कक्षा दसवी में अध्ययनरत था छात्र
परिजनों ने लगाया विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
बेलगहना। नवोदय विद्यालय मल्हार में कक्षा दसवीं में पढ़ने वाले बेलगहना के छात्र हर्षित यादव पिता जयप्रकाश यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई जिसमें परिवार में कोहराम मचा हुआ है, परिवार सदमे में है परिजनों नें विद्यालय में बदइंतजामी के चलते मौत होने का आरोप लगाया है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार बेलगहना कृष्णनगर निवासी जयप्रकाश यादव का पुत्र हर्षित यादव नवोदय विद्यालय मल्हार में कक्षा दसवीं का छात्र था जो वहाँ के छात्रावास में रहकर अध्ययन करता था छात्र के पिता ने बताया कि 22 नवंबर को विद्यालय से बच्चे का स्वास्थ्य ख़राब होने की जानकारी देते हुए आकर ले जाने की बात प्रबंधन द्वारा कही गई जिस पर वे एक मोटरसाइकिल से मल्हार पहुँचे और वहाँ के प्रबंधन से चार पहिया वाहन उपलब्ध कराने की गुहार लगायी थी किंतु प्रबंधन ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि चार पहिया पहिया वाहन को प्राचार्य लेकर गए हैं ,हड़बड़ाए हुए पिता मोटरसाइकिल से ही बच्चे को लेकर बिलासपुर के एक निजी अस्पताल गए जहाँ से चार-पाँच दिन की दवा देकर छुट्टी दे दी गई ,लेकिन छात्र की स्थिति में सुधार नहीं हुआ जिससे परिजन उसे 24 नवम्बर को बिलासपुर के वासुदेव क्लिनिक ले कर गए जहाँ चिकित्सक ने बताया कि बच्चा निमोनिया से पीड़ित है तथा हृदय की धड़कन सामान्य नहीं है और उसका रक्तचाप ज्ञात नहीं हो पा रहा चिकित्सक द्वारा बीमार छात्र का इलाज किया जा रहा था किन्तु दोपहर लगभग 2 बजे उसकी मौत हो गई ।छात्र के पिता ने बताया कि विद्यालय के छात्रावास की गंदगी व बदइंतजामी को लेकर कई बार प्रबंधन से शिकायत की गई थी जिसमें कहा गया था कि भवन में सीलन है दरवाज़े खिड़की टूटे हुए हैं संक्रमण का ख़तरा है किन्तु प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस संबंध में पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार के प्राचार्य श्री मनोज श्रीवास्तव से फ़ोन पर चर्चा की गई तो उन्होंने छात्र की मृत्यु की जानकारी होने की बात कही ,किन्तु जब उनसे परिजनों के द्वारा लगाये गए आरोप के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि तथ्य को जाने बिना कुछ नहीं बता सकते ।
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बूझ गया घर का चिराग
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जय प्रकाश यादव की दो संताने थी जिनमे से पुत्री बड़ी है तथा हर्षित छोटा था पुत्र के असामयिक निधन से घर का चिराग बुझ गया है और माता पिता द्वारा संजोय गए सपने आसुओं में बह गए…..



















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