राम मंदिर धर्मध्वजा महोत्सव – एक अद्भुत, ऐतिहासिक और अलौकिक क्षण
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
अयोध्या-अयोध्या की पावन धरा पर बने श्रीराममंदिर के शिखर पर आज भगवा ध्वज लहरा गया । आज का दिन केवल एक तिथि नहीं… यह 500 वर्षों के संघर्ष, बलिदान, तपस्या और अनगिनत रामभक्तों की प्रतीक्षा का पूर्ण महापर्व है।
अयोध्या धाम में आज श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्मध्वजा का आरोहण
ये दृश्य केवल आँखों से नहीं, आस्था के हृदय से देखा गया ।
44 फीट ऊँचा, 5,500 किलो वजनी दिव्य ध्वजदंड…और उस पर लहराता 22×11 फुट का भगवान श्रीराम का भगवा धर्मध्वज…
जिसमें अनगिनत संतों, ऋषियों, कारसेवकों और मातृभूमि के लिए बलिदान देने वालों का गर्व समाया है।
आज जब सरसंघचालक मोहन भागवत जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने श्रीरामलला की आरती उतारी, तो संपूर्ण वातावरण में एक ही भाव गूँज उठा—
“धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो!
जहाँ धर्म का राज हो, वहाँ देवों का वास होता है। जहाँ नीति, कर्तव्य और राष्ट्रधर्म का पालन हो, वहाँ इतिहास स्वयं दिव्यता बनकर उतर आता है।
आज अयोध्या में वही दिव्य क्षण प्रकट हुआ है—
जब धर्मराज्य की पताका अनंतकाल के लिए मंदिर की चोटी पर स्थापित हुई।
यह केवल एक ध्वजा नहीं है…यह सनातन हिंदू धर्म की पहचान, हमारी सांस्कृतिक चेतना का झंडा, लगा और करोड़ों रामभक्तों की सामूहिक आत्मा का प्रतीक है।
यह ध्वजा हमें सदैव स्मरण दिलाती रहे— कि सत्य की राह कठिन हो सकती है, परंतु विजय निश्चित है।
अयोध्या आज फिर से जगत को संदेश दे रही है—
“जहाँ राम हैं… वहाँ विजय है।


























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