महेंद्र शर्मा बंटी- डोंगरगढ़
भारत एक संस्कृति प्रधान देश है और हम इक्कसवीं सदी की ओर कदम रख चुके है लेकिन इकीसवीं सदी की ओर बढ़ने का मतलब क्या हमें अपनी संस्कृति को भूलना होगा नही लेकिन आज वर्तमान चकाचौंध में हम अपने पारम्परिक खान पान कला संस्कृति वेश भूषा त्यौहार पर्व बड़े बुजुर्गो का सम्मान ही भूल जाय लेकिन बाहरी विदेशी परम्परा की ओर आज युवा पीढ़ी खिचती चली जा रही हैं ।
ऐसे ही एक विदेशी परंपरा का विरोध करने डोंगरगढ़ के हिन्दू युवा मंच के द्वारा शहर में एक नवनिर्मित प्रतिष्ठान फ़ूड फैक्टरी रेस्टोरेंट भोजनालय में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे को ध्यान में रखते हुए नव युवक युवतियों को आकर्षित करने गेट पर पाम्पलेट लगा कर बुलाने के उद्देश्य से चिपकाया गया था। जब इस बात की जानकारी हिदू युवा मंच संगठन को हुई तो वे इसका विरोध प्रकट करते हुए फ़ूड फैक्टरी में पहुच कर होटल संचालक को समझाइश दी गई कि वह ऐसे न करे और अन्य किसी माध्यम या पर्व के आधार पर होटल का संचालन कर और भारत की संस्कृति का सम्मान करें । जिस पर होटल संचालक ने सदस्यों की बात को सज्ञान में लेते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का नाम बदल कर कार्यक्रम किया जाएगा जिसमे सिर्फ मैरिज कपल को ही एंट्री दी जाएगी।
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