*मनरेगा मेट भर्ती पुरुष नहीं बन सकेंगे मेट कहां का न्याय*
सुरेंद्र मिश्रा बिलासपुर रिपोर्टर
कोटा - ज़िला पंचायत बिलासपुर अंतर्गत मामला कोटा जनपद पंचायत का है आजकल गांव मे भी पढ़े लिखें युवाओं की कमी नहीं है युवाओं के मन मे ख्वाब रहता है पढ़ लिखकर नौकरी करूँ अंत नौकरी नहीं मिलता या कम पढ़े लिखें होने पर कम योग्यता वाला नौकरी ढूढ़ते है अंत मे गांव के लड़के ये चाहते है की गांव मे छोटा मोटा चपरासी मेट मुंशी का काम कर लू इतना बेरोजगारी मे कुछ तो नौकरी मिले लेकिन जनपद कोटा प्रशासन के नये आदेश से गांव के बेरोजगार लड़के जो नौकरी नहीं मिलने से रोजगार ग्यारंटी कार्य के लिए मेट न्युक्ति होना है उसमे भी युवा अपनी भाग्य आजमाना चाहते थे लेकिन जनपद कोटा प्रशासन के नियम ने गांव के युवा पढ़े लिखें बेरोजगार लड़के लोगों को मेट मे भी भर्ती नहीं होगा क्योंकि जनपद कोटा प्रशासन ने ऐसा नियम बनाये है जिसमे पंचायतो के रोजगार गारंटी कामों मे सिर्फ शत प्रतिशत महिला मेट की न्युक्ति की जाएगी इसमें ये भी नियम नहीं है की 50 प्रतिशत महिला 50 प्रतिशत पुरुष इसलिए पुरुष वर्ग अभ्यर्थी इस आदेश का विरोध कर रहे है और ये मांग कर रहे है की मेट न्युक्ति मे पुरुषो को भी बराबर का हक दिया जाये और शत प्रतिशत जो महिला मेट की आदेश है उसे जनपद कोटा प्रशासन वापस ले।
सीधी बात -
एम के यादव मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोटा-शासन के आदेशानुसार ही ग्राम पंचायतो मे शत प्रतिशत महिला मेट की न्युक्ति होना है उसके आधार ही पर ग्राम पंचायतो को निर्देशित किये है.
मनोहर लाल ध्रुव अध्यक्ष सरपंच संघ कोटा - रोजगार गारंटी कार्य मे मेट नियुक्ति होना है उसमे शत प्रतिशत महिला मेट न्युक्ति तर्क संगत नहीं है इसमें पुरषों को भी बराबर का हक देना चाहिए.
ललिता धर्मेंद्र देवांगन जनपद सदस्य - हम महिला आरक्षण के विरोधि नहीं किन्तु पुरुषो को भी मेट भर्ती मे बराबर का स्थान मिलना चाहिए
भानु कश्यप समाजसेवी - मेट भर्ती मे पुरुष वर्ग के बेरोजगार लड़को को मौका मिलना चाहिए पुरूष मेट कहां जाएंगे जब शत प्रतिशत महिला मेट हो जाएंगे, कार्य के दौरान बहुत से विसंगतियों का सामना करना पड़ता है पुरुष मेट आवश्यक हैं।
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