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Thursday, June 10, 2021

कलेक्टर डाॅ. गौरव कुमार सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों की ली समीक्षा बैठक। कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना अंतर्गत खरीदे गये गोबर का वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट बनाना एवं दो दिवस में विक्रय सुनिश्चित करने दिए सख्त निर्देश। धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल करने पर दी जायेगी आदान सहायता राशि।



सूरजपुर - 10 जून 2021, आज कलेक्टर डाॅ. गौरव कुमार सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उप संचालक कृषि श्री कोसले, सहायक संचालक कृषि श्री डी. एस. पैकरा, तकनीकी विशेषज्ञ श्री शैलेंद्र जायसवाल, नोडल अधिकारी जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, सभी ब्लॉक के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के मुख्य विषय गोधन न्याय योजना, राजीव गाँधी किसान न्याय योजना एवं मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की प्रगति की समीक्षा थी। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत खरीदे गये गोबर से खाद निर्माण एवं खाद की बिक्री में देरी से कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने कहा कि धान फसल बुआई के पूर्व ही सही समय है कि वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हो जाए। ज्ञातव्य है कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट में कन्वर्सन 40 प्रतिशत होना अनिवार्य है। कलेक्टर ने कृषि अधिकारियों को साफ-साफ निर्देश दिए कि खरीदे गए सभी गोबर का वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट बनाना एवं विक्रय सुनिश्चित करें। साथ ही आज तक बनाए गए कम्पोस्ट की बिक्री दो दिनों में हो जाना चाहिए अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें। 



कलेक्टर ने आगे राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के संबंध में प्रत्येक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से उनके अभी तक किये गये कार्य की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि फसल उत्पादन, फसल विविधीकरण, कृषको के आय में वृद्धि को प्रोत्साहित करने कृषि आदान सहायता हेतु शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना चलायी जा रही है। इस योजना की क्रियान्वयन ऐजेंसी कृषि विभाग है। योजनांतर्गत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषको को प्रति वर्ष राशि रु. 9000 प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ रु. 10,000 आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले  कृषकों को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दी जाएगी। कलेक्टर ने योजना के प्रावधानों के अंतर्गत कृषकों का पंजीयन कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को 5-5 एकड़ में वृक्षारोपण कराने के लक्ष्य दिए गए। 


कलेक्टर ने कृषि अधिकारियों को मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की धीमी गति के लिए फटकार लगाई तथा सभी को दिए गए लक्ष्य अनुसार से दो दिनों में कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा। उल्लेखनिय हैं कि ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जायेगा तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से रूपये 10,000 (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इससे भविष्य में पंचायतों की आय में वृद्धि हो सकेगी।  किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष रूपये 10,000 (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी तथा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद रूपये 10,000 (दस हजार) प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिसमें वृक्षों को काटने एवं विक्रय का अधिकार संबंधित समिति का होगा।

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