लोकेशन-सुकमा
संवाददाता-संजय सिंह भदौरिया
*अब तक लग चुके हैं 1 लाख 45 हजार से अधिक कोरोना टीका*
*एक लाख से अधिक लोगों को पहली डोज और 30 हजार 640 लोगों की दोनों डोज पूर्ण*
*सुकमा-* जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोविड टीकाकरण किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप जिले में अधिकाधिक जनसंख्या कोरोना के प्राकोप से स्वयं के साथ ही अपने परिवार जनों को सुरक्षित करती जा रही है। जिले मंे कोरोना वेक्सीनेशन को लेकर समय समय पर चलाए जा रहे जागरुकता अभियान और सोशल मिडिया पर फैली अफवाहों के प्रति सचेत करने का ही नतीजा है कि जिलेवासी उत्साहपूर्वक काविड टीकाकरण में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है। टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों सहित विभिन्न स्थलों पर शिविर आयोजित कर लोगों को टीका लगाया जा रहा है।
कोविड वेक्सीनेशन की प्रक्रिया में सर्वप्रथम हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंट लाईन वर्कर्स का वेक्सीनेशन प्रारंभ किया गया। इसके उपरान्त 45 से 60 आयु वर्ग के लोगों का और अंततः 18 सं 45 आयु वर्ग के युवा जनसंख्या को टीकाकरण कर कोविड संक्रमण का सुरक्षा कवच प्रदाय किया जा रहा है। अब तक जिले में कुल 1 लाख 45 हजार 989 कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। जिसमें 1 लाख 15 हजार 349 प्रथम डोज और 30 हजार 640 द्वितीय डोज शामिल है। जिले के तीनों विकासखण्ड में कोविड वेक्सीनेशन किया जा रहा है।
जिसमें कोण्टा विकासखण्ड में 44 हजार 643, छिन्दगढ़ विकासखण्ड में 46 हजार 468 और सुकमा विकासखण्ड में 54 हजार 878 कोरोना टीके लगाए जा चुके हैं।
*स्वास्थ्य कर्मियों ने गांव-गांव जाकर किया टीकाकरण*
जिले के हर पात्र नागरिक तक कोविड का सुरक्षा कवच पहुँचे इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हर संभव प्रयास किया है जो अभी जारी है। कोविड टीकाकरण के लिए जिले में 25 सेशन प्वाईंट निर्धारित है, किन्तु कुछ ग्राम इतने भीतर और संवदेनशल क्षेत्रों में बसे है जहाँ के ग्रामीण स्वयं से इन टीकाकरण स्थानों तक पहुँचने में असमर्थ थे। ऐसे दुर्गम और पहुँविहीन ग्रामों में स्वास्थ्य अमले द्वारा मोबाइल टीम के माध्यम से टीकाकाण किया गया है। कहीं किसी पेड़ की छांव में तो कहीं किसी भवन मंे टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों से निर्भीक होकर टीकाकरण करवाया। इसका सीधा लाभ उम्रदराज लाभार्थियों को मिला, उन्हें अपने घर पर ही कोविड का टीका लग गया। जिले के बहुतेरे दुर्गम गांवों में मोबाइल टीम के सहारे टीकाकरण से ग्रामीण क्षेत्रों की जनसंख्या भी कोरोना संक्रमण के प्रति अब अधिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर चुकी हैं।
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