सूरजपुर - 26 जुलाई 2021, कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में चार माह तक आंगनबाड़ी केंद्र बंद थे इस दौरान हितग्राहियों को घर पहुंचाकर सूखा राशन दिया जा रहा था। विगत 20 जुलाई को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों को दो पालियों में संचालित करने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री चंद्रबेश सिंह सिसोदिया ने 26 जुलाई से जिले की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को कोविड-19 के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए फिर से शुरू करने के सशर्त निर्देश जारी कर दिये हैं जिसमे बताया गया है कि कंटेनमेंट जोन अथवा जिला प्रशासन द्वारा बंद करने का निर्णय लिए गए क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालित नहीं होगा।
कार्यक्रम अधिकारी श्री सिसोदिया के निर्देश पर आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोलने के पहले सेनेटाईज किया गया है। इसके साथ ही हितग्राहियों की स्क्रीनिंग करने, बीमारियों का प्रबंधन, मास्क पहनने, फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने, खाना पकाने के बर्तनों को साफ करने और भोजन पकाने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। केन्द्र में बच्चों को भेजने हेतु पालकों की सहमति लिए जाने के निर्देश भी दिए गए है। केन्द्र में हितग्राहियों को अलग-अलग समूह में अलग-अलग समय पर बुलाया जाएगा। एक समय में 15 व्यक्तियों से अधिक लोग भवन में नहीं होंगें। इस संबंध में सभी पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है। सभी अधिकारियों को जारी दिशा निर्देश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने कहा गया है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ियों में बच्चों को पोषण उक्त भोजन देने के लिए जिले की आंगनबाड़ियों में लगभग 17 हजार सुपोषण ट्री मुनगा की टहनियां रोपित की गई है, जिसमे अब पत्तियों की बहार दिखाई देने लगी है। मुनगा से बच्चों के गर्म भोजन हेतु माइक्रो न्यूट्रिशन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं का मानना है कि कोविड-19 के कारण कुपोषण में बढ़ोत्तरी हो सकती है, इसलिए कुपोषण को रोकने के लिए कारगर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को दोपहर का गरम भोजन और स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और सुपोषण अभियान के हितग्राहियों को आंगनबाड़ी आने की अनुमति दी गयी है।
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.