बालोद
सी एन आई न्यूज़
बालोद:-जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज जी के पुस्तक सेवा इस वक्त अपनी चरम सीमा में है इसी सिलसिले पर आज बंदी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज जी द्वारा लिखित गीता तेरा ज्ञान अमृत,जीने की राह,ज्ञान गंगा, गरिमा गीता की,कबीर परमेश्वर,भक्ति से भगवान तक जैसे अनेक आध्यात्मिक पुस्तक का सेवा करने के लिए भगत आत्माओं ने छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मे आने वाले ग्राम पंचायत घीना, डेंगरापार,अहिबरन नवागांव,गड़इनडीही, कसही आदि गांव पर घर घर जाकर तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज जी द्वारा रचित आध्यात्मिक पुस्तक का उद्देश्य बताकर प्रचार प्रसार किए। सेवा करने वाले भगतो पर बन्दीछोड़ कितनी कृपा करते थे। यह रहस्य सिर्फ पुस्तक सेवा करने वाले जानते है।जैसे ही बन्दीछोड़ को पता चलता था कि पुस्तक सेवा वाले भगत पुस्तक सेवा करके वापस आ गये है।तो बन्दीछोड सभी सेवादारो से मिलना छोड़कर पुस्तक सेवा करने वाले सेवादारो को अन्दर बुला लेते थे ।बन्दीछोड़ पुस्तक सेवा करने वाले भगतो से घंटो बातें किया करते थे। इस समय जो भी भगत पुस्तक सेवा मे लगे है उनके तो अहो भाग्य है।बन्दीछोड़ इस दौरान उनके द्वारा की जा रही सेवा से कितने प्रसन्न होंगे व उन भगतो को इस बात का अहसास होता हैं । जब पुस्तक सेवा करने वाले भगतो पर बन्दीछोड़ कृपा करते हैं । यही समय है पुस्तक सेवा की असली परीक्षा का देश के साथ साथ अन्य देशों में भी भगत मिलकर डट हुए हैं पुस्तक सेवा मे।यह सच मानो असली सेवा पुस्तक सेवा ही है।मालिक ने एक बार आश्रम के सेवादारो से भी कहा था कि मेरा ध्यान पुस्तक सेवा करने वाले भगतो की तरफ लगा रहता है।भगतो आओ सब मिलकर डट जाये पुस्तक सेवा के मैदान मे।जिस कार्य से मालिक प्रसन्न होते है उस कार्य मे देरी क्यो ।संकोच कैसा।डर कैसा।सोशल मिडिया पर भी नंबर वन है।और इंटरनेट पर सेवा जोरदार हो रही है सभी लोग सोशल मीडिया मे जमकर सेवाएं कर रहे हैं।
बन्दी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज की जय
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