पुलिस द्वारा मनमाने तरीके से अवैध वसूली...
दुर्ग :- दुर्ग जेल चौक ओवर ब्रिज पेट्रोल पंप के पास 2- स्टार सब- इंस्पेक्टर प्रशांत सिंह के नेतृत्व मे अवैध वसूली किया जा रहा है।
वाहन चेकिंग के नाम पर लोगों से मनमाने तरीके से वसूली भी की जा रही है।
कभी गाड़ी के कागजात तो कभी हेलमेट न पहनने की वजह से वाहन जब्ती की कार्रवाई का डर दिखाकर जमकर अवैध वसूली हो रही है।
पैसे मिलने के बाद बिना चालान किए ही छोड़ दिया जाता है।
बच्चे को धक्का देकर डिवाईड़र से टकराने से ये चोट लगी।
एक मामलों में पीडित लोगों की मानें तो यहां पुलिस जाम हटवाने से ज्यादा अवैध वसूली में लगी रहती है।
वहीं शहर में ट्रैफिक पुलिस वाहन चेकिंग के नाम पर बिना हेलमेट के चलने वालों से 100 रुपए लेकर उन्हें छोड़ देती है।
अगर कोई पैसे देने में आनाकानी करता है तो उसका चालान काट दिया जाता है। इसके अलावा पुलिस द्वारा गालियां भी देती है।
यह पुलिस वालों का धंधा एक दिन का नहीं, बल्कि हमेशा का है।
इससे परेशान लोगों द्वारा कई बाद इसकी जानकारी उच्चधिकारियों को भी दी गई। लेकिन पुलिस द्वारा की जा रही चैकिंग के नाम पर वसूली नहीं रुक पा रही है।
विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा व्यवस्थाओं और कामकाज से ज्यादा सड़कों में खड़े होकर वाहनों को रोककर डराया जाता है और पुलिस कर्मियोंं द्वारा चालान करने की धमकी देकर अपने जेबें गरम की जा रही हैं।
शहर में यातायात पुलिस द्वारा प्रतिदिन विभिन्न स्थानों में वाहनों की चैकिंग लगाई जा रही है। इस दौरान अधिकारी एक स्थान पर बैठ कर कार्रवाई करते हैं
और सड़क में पुलिसकर्मी वाहनों को रोकते हैं और और न्यायलय लेकर जाओ गाड़ी को वही से छूटेगा ऐसा कहते हैं।
जिससे कुछ लोग कार्रवाई होने के डर से पुलिस कर्मी को कुछ खर्चा पानी देकर निकल लेते हैं तो
वहीं कुछ लोगों द्वारा लंबा इंतजार करने के बाद अवैध वसूली करके पुलिस कर्मियों द्वारा लोगो को छोड़ा जाता है।
आज दुर्ग जेल चौक ओवर ब्रिज पेट्रोल पंप के पास 2- स्टार सब- इंस्पेक्टर प्रशांत सिंह के नेतृत्व मे अवैध वसूली किया जा रहा है।
आज दिनांक 27 सितम्बर 2021 को 2- स्टार सब- इंस्पेक्टर प्रशांत सिंह के नेतृत्व मे दुर्ग जेल चौक ओवर ब्रिज पेट्रोल पंप के पास वैन चार पहिया वाहन को रोका गया।
उस वैन मे एक मरीज को दल्ली राजहरा से सेक्टर-9 हॉस्पिटल ईलाज के लिए लेकर जा रहा था।जिसे रोककर वाहन का डाक्युमेंट चेक किया गया।
वाहन चालक के द्वारा वाहन का आर. सी. बुक, इंश्योरेंश सर्टिफिकेट, और वाहन चालक का ड्राविंग लाइसेंस दिखाया गया।
सब कुछ चेक करने के बाद सब डाक्युमेंट वैरीफाई करने के बाद सभी दस्तावेज सही होने के बाद भी न्यायलय भेजेंगे करके डराने धमकाने लगा
मोटी रकम वसूली करने के नाम पर चलान काटने की नाटक करने लगा। फिर वाहन चालक मे बैठे कुछ लोगो द्वारा मरीज को बहार लाया गया
और BSP सेक्टर-9 हॉस्पिटल का ईलाज कराने वाला बुक दिखाया गया उसके बाद मरीज और उसके परिवार वालों की विनती करने के बाद
200 रुपए की अवैध वसूली करके बिना वसूली पर्ची काटे जाने दिया।
और अन्य लोगो से भी वसूली किया गया और लोगो के जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। दुर्ग ट्राफिक पुलिस द्वारा अपनी जेब गरम करने के चक्कर मे
किसी दिन इन लोग किसी मरीज की जान ले लेंगे। अगर उस वक्त मरीज को कुछ हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होगा
पुलिस प्रशासन इसका जिम्मेदारी लेगी अगर इसका जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन नही लेगी तो ऐसे अवैध वसूली करने वाले
और लोगो को परेशान करके उसके जान से खेलेने वाले दुर्ग ट्राफिक पुलिस वाले के खिलाफ ठोस कार्यवाही किया जाना चाहिए।
प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। दुर्ग ट्रैफ़िक पुलिस वालो को सरकारी पैमेंट कम पड़ रहा है।
इसीलिए गाड़ियों का चलान काटने के नाम पर अवैध वसूली करके अपनी जेबे गरम कर रही है।
दुर्ग कलेक्टर को इस ओर ध्यान देकर मनमानी करने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ ठोस कार्यवाही कर। नियम अनुसार चलान काटने की अनुमति देना चाहिए।
और अवैध वसूली करने वाले और पैसे लूटने के नाम पर आम लोगो को परेशान करने वाले ट्राफिक पुलिस वाले के खिलाफ कार्य वाही किया जाना चाहिए।
अब देखना ये है की यहा जानकारी पुलिस प्रशासन और दुर्ग कलेक्टर को मिलने के बाद क्या कदम उठाते है। या फिर खबर पड़कर हंसकर टाल देते है।
और भविष्य मे ऐसे अवैध वसूली करने वाले ट्राफिक पुलिस कर्मी के हौसले मजबूत करते है।
अगर ऐसे अवैध वसूली करने वाले ट्राफिक पुलिस पर कार्यवाही नही हुआ तो आम जनता यही सोचेगा कि
पुरा पुलिस प्रशासन,और सरकारी उच्च पद पर बैठे प्रसाशनिक अधिकारियों के जेब मे जाती है।
इनके द्वारा किया हुआ अवैध वसूली के पैसे। इसीलिए प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नही किया जाता है।
दुर्ग पुलगाँव चौक, गांधी चौक ,दुर्ग जेल चौक ओवर ब्रिज पेट्रोल पंप के पास
यह है ट्रैफिक के नियम कागज कौन-कौन से
ड्राइविंग करते वक्त आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
(आरसी), वाहन का बीमा
व वैलिड पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट इनमें ड्राइविंग लाइलेंस और वैलिड पल्यूशन सर्टिफिकेट आपके पास ओरिजनल होने चाहिए,
जबकि आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी भी अपने पास रख सकते हैं।
इन मामलों में होगा लाइसेंस जब्त
ट्रैफिक के नियम तोडऩे पर ट्रैफिक पुलिस के पास यह अधिकार है कि वह नियम तोडऩे वाले का लाइसेंस जब्त कर सकती है।
लाइसेंस की यह जब्ती तीन महीने के लिए होती है।साथ ही रेड लाइट जंप करना, सामान की ओवरलोडिंग, बोझा ढोने वाले वाहनों में
सवारी लेकर चलना, शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना, ड्राइविंग करते हुए मोबाइल पर बात करना और ओवर स्पीड।
तीन तरह के होते हैं चालान
ऑन द स्पॉट चालान यह चालान तब काटे जाते हैं, जब नियम तोडऩे वाले को पुलिस रंगे हाथों पकड़ लेती है
और उसे चालान थमाकर वहीं पर जुर्माना वसूल लेती है। कोई अगर उस वक्त जुर्माना नहीं भरना चाहे तो
पुलिस डीएल जमा कराकर चालान दे देती है। जिसे बाद में जमा कराया जा सकता है।
नोटिस चालान
अगर कोई नियम तोड़कर भाग गया तो पुलिस उसका नंबर नोट कर उसके घर चालान भिजवा देती है।
इस चालान का जुर्माना भरने के लिए आरोपी को एक महीने का वक्त दिया जाता है। अगर समय पर जुर्माना नहीं भरा गया तो चालान कोर्ट भेज दिया जाता है।
कोर्ट के चालान
कोर्ट के चालान आमतौर पर कानून तोडऩे की ऐसी गंभीर घटनाओं में दिए जाते हैं। जिनमें जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है।
शराब पीकर गाड़ी चलाना ऐसा ही मामला है। यह किए तो ऑन द स्पॉट ही जाते हैं, लेकिन इनका जुर्माना पुलिसकर्मी नहीं वसूलते। इसके लिए कोर्ट ही जाना होता है।
कौन कर सकता है फाइन
200 रुपए से अधिक का जुर्माना है तो हेड कांस्टेबल से ऊपर का ट्रैफिक ऑफिसर यानी एएसआई या एसआई ही कर सकता है।
हेड कॉन्स्टेबल को 200 रुपए तक का फाइन लेने का हक है। कॉन्स्टेबल को फाइन करने का हक नहीं है। वह सिर्फ गाड़ी का नंबर नोट कर सकते हैं।
चलती गाड़ी से चाबी खींचकर आपको नहीं रोक सकती।
सामने से आते वाहन को रोकने के लिए चलते वाहन पर चालक का हाथ नहीं पकड़ सकती।
चार पहिया वाहन के सामने अचानक बैरीकेड्स नहीं लगा सकती।
यदि सड़क पर चाबी खींचकर या दबाव देकर पुलिस जवान या ट्रैफिक, वार्डन आपको रोकते हैं तो
वाहन चालक के पास अधिकार होता है कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी शिकायत कर सकते हैं।
लुकेश साहू दुर्ग जिला से.....
व्हाट्सएप नंबर 81039-45853 जीमेल lukeshsahu853@gmail.com पर आप मेल एवं कॉल कर सकते हैं
























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