लोकेशन-सुकमा
जिलाब्यूरो-संजय सिंह भदौरिया
*चमकते सुकमा की दुखती तश्वीर-कलेक्टर साहब इनकी भी सुन लो*
*विधवा बेसहारा मंगली न पेंशन मिल रहा न आवास*
*दिव्यांग भीमे तरस रही पेंशन व आवास को*
*प्रधानमंत्री मोदी के सपने सुकमा में ध्वस्त होते आ रहे हैं
नजर*
सुकमा जिले में सरकारी एजेंसियों के माध्यम से विभिन्न विभागों की सफलता की कहानी शीर्षक से लगातार खबरें आती रहती हैं पर जब हम सुकमा जिले के अंदरूनी भागों में जाते हैं तो बिल्कुल इसकी उल्टी तश्वीरें हमारे सामने आती हैं आज हम आपको सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्रा.पं.पेदारास के आश्रित ग्राम होमारास की दो महिलाओं की कहानी बता रहे हैं जिसमे एक ने अपना सम्पूर्ण जीवन गुजार दिया उसे न आवास मिला और न ही पेंशन वहीं दूसरी दिव्यांग जिसे पेंशन तो जारी हुआ पर कुछ दिनों बाद बन्द कर दिया गया
होमारास में रहने वाली लगभग 60 वर्षीय विधवा मंगली पति स्व.मासा जिसका इस दुनियां में कोई भी नहीं है बेसहारा विधवा मंगली दुसरो के ऊपर इनका जीवन यापन निर्भर है रहने को एक टूटी फूटी झोपड़ी के अलावा कुछ नहीं था परन्तु कुछ दिनों पूर्व वो भी जल गया आज आवास के नाम पर उसके पास मिट्टी की चारदीवारी व उस पर बरसात से बचने हेतु प्लास्टिक का तिरपाल जो हवा के थपेड़ों में उड़ जाता है और सम्पत्ति के नाम पर टूटी चारपाई व कुछ टूटे फूटे बर्तन बावजूद आज तक इनके नाम पर पीएम आवास स्वीकृत नहीं हो पाया अगर पीएम आवास के स्वीकृति के दायरे में विधवा मंगली नहीं आती है तो शासन को यह योजना बन्द कर देना चाहिए तथा वर्षो से विधवा का जीवन जी रही मंगली को शासन से किसी प्रकार की पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है ।
दूसरी सत्ताइस वर्षीय दिव्यांग भीमे पिता पनकू जो अकेली एक टूटेफूटे मकान में रहती है जिसे जीवनयापन हेतु एक आवास व पेंशन की अतिआवश्यकता है जिसे शासन ने पेंशन तो जारी किया परन्तु सितम्बर 2019 के बाद उसे आज तक पेंशन की राशि नही मिली
*कभी 500 रु तो कभी 500 की जगह मिल रहा था 350 रु और अब कुछ नहीं*
शासन के द्वारा दिव्यांगजनो के लिए 500 रु प्रतिमाह की दर से पेंशन की व्यवस्था कर रखी है परन्तु दिव्यांग भीमे को सितम्बर 2019 तक कभी 500 रु तो कभी 500 के स्थान पर 350 रु की दर से ही पेंशन मिल रहा था अब यहाँ यह समझना आवश्यक की शासन के द्वारा किसी भी पेंशनधारी को किसी एक योजनांतर्गत निर्धारित राशि पेंशन के रूप में मिलती है तो दिव्यांग भीमे के साथ होने वाले इस गड़बड़ी के पीछे के जिम्मेदार कौन है या जिम्मेदारों को आजतक सजा क्यों नहीं मिली
इस विषय पर जब हमने मु. कार्य.अधि.छिंदगढ़ सीएल देवांगन से बात की तो उन्होंने अगले सर्वे के वक्त विधवा मंगली को आवास प्रदान करने की बात कही व भीमे के खाते में राशि जमा होने के विषय मे बताया ,परन्तु यहाँ इस बात पर गौर करने की आवश्यकता है कि अब तक इन जरूरतमंदों को शासन की योजनाओं का लाभ क्यों नही मिला व शासन की कछुआ चाल कब तक उन तक पहुंचकर उनका हक दिलवाएगी
मार्च 2020 के बाद कोई राशि नहीं मिली
भीमे से साथ हुई इस अनियमितता के सम्बंध में जिम्मेदारों का कहना है कि राशि उसके खाते में जमा की जा रही है परन्तु भीमे के खाते में मार्च 2020 के बाद कोई भी राशि जमा होने का उल्लेख नहीं है

















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