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Friday, December 24, 2021

वनभूमि की मची है लूट,लूट सको तोलूट लो


 वनभूमि की मची है लूट,लूट सको तो
लूट लो

बिरसा/बालाघाट।बिरसा वनपरिक्षेत्र का विवादों में रहना जैसे चोली दामन का साथ हो गया है।आये दिन सुर्खियों में रहने वाला बिरसा वनपरिक्षेञ इन दिनों अवैध अतिक्रमण और अवैध रेत उत्खनन के लिए सुर्खियों में है।हर सर्किल में कई सौ एकड़ वनभूमि को गैरआदिवासियों ने कब्जा कर रखा है जिसको हटाने में बिरसा वन परिक्षेत्र के अधिकारियों को पसीना निकल आता है।बिरसा,दमोह और मछुरदा सर्किल में जमकर अतिक्रमण हुआ है जिसकी जानकारी अधिकारियों को भी है लेकिन विभाग इतना लाचार है कि अतिक्रमण हटाने में हमेशा नाकामयाब रहता है जिसका कारण समझ के परे है।सबसे ज्यादा अतिक्रमण मछुरदा सर्किल के धर्मशाला गांव में किया गया है जो गैरआदिवासी है जिनका दहियांन भी है।इनको हटाने में भी विभाग रुचि नही दिखा रहा है।

*रेत का अवैध उत्खनन*

हर नदी नालों से रोजाना सैकड़ों ट्रेक्टर रेत निकाल कर रेत माफिया वनविभाग के मुंह पर चांटा मारते है जिसको वनविभाग बड़ी बेशर्मी से सहन भी कर लेता है जिसका कारण है रेत माफियाओं का वनविभाग से सेटिंग?सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार एक ट्रेक्टर के पीछे पांच से दस हजार रुपये सीधे वनविभाग के पास पहुंचता है जो मुंह बंद करने के लिए काफी होता है।एक ट्रेक्टर से दस हजार तो सौ ट्रेक्टर का हिसाब लाखो में पहुंचता है।यही कारण है कि वनविभाग सब कुछ देख सुनकर भी शांत रहता है।जिसको रोकने के लिए जनता का एक होना बहुत जरूरी है।वगैर आंदोलन के यह सब रुकने वाला नही है।यही हाल रहा तो जनता आंदोलन करने पर विवश होगी जिसकी जबाबदेही वनविभाग की होगी।

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