व्यवसायिक परिसर को कम दर पर लेकर,मुनाफा कमा रहे है व्यापारी
बालाघाट। लांजी जनपद के व्यवसायिक परिसर को जरूरतमंद दुकानदारों को किराए पर दिया गया था लेकिन ये दुकानदार स्वयं व्यवसाय न कर दूसरों को किराए पर देकर मोटी रकम वसूल रहे हैं। यह सिलसिला पिछले लंबे समय से चला आ रहा है। दरअसल, विगत कई वर्षों से जनपद पंचायत के अधीन निर्मित दुकानें विवादों में रहने से जनपद अधिकारी भी विवादों में रहे है। जिसमें बस स्टैंड स्थित कांप्लेक्स हो या फिर बालाघाट मार्ग सहित अन्य सभी जनपद कांप्लेक्स के दुकानों का आवंटन किया गया था। आज उनमें से कुछ ही लोग दुकानें संचालित कर रहे है, बाकी लोग दुकाने किरायें पर दे रखी हैं।सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार मोटी रकम लेकर सीधे सरकारी संपत्ति को बेच कर व सांठगांठ कर जनपद से अपने नाम प्रस्ताव भी करवा लिए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है।
सरकारी संपत्ति को इस तरह किसी अन्य व्यक्ति को बेचना सीधे तौर पर कानूनी अपराध है, लेकिन पता नहीं किन नियमों के तहत उक्त दुकानें किसी अन्य व्यक्ति के नाम हो गए। जबकि आज दिनांक तक किसी भी प्रकार की जनपद के द्वारा नीलामी नहीं हुई। यदि कोई व्यक्ति अपने नाम के दुकानें को नहीं संचालित कर पाता है तो उसे विधिवत जनपद में सूचना देना होता है। जनपद के द्वारा सामान्य सभा में प्रस्ताव लेकर नीलामी की जानी चाहिए, आपत्ति पत्रक के साथ नीलामी प्रक्रिया पूरी करनी होती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर कुछ दुकानें जीर्णशीर्ण हो चुके है जिनको दोबारा से निर्माण किया जा रहा है इनमें भी शिकायत की गई है कि जनपद द्वारा जितने जगह का आवंटन किया गया है। उससे अधिक का निर्माण कार्य किया जा रहा है अमूमन 10 बाई 15 का आंवटन है तो 10 बाई 25 के दुकानें बनाए जा रहे। जिसको लेकर शिकायत प्राप्त हुई है और पंचानामा कार्रवाई में भी पाया गया है कि अधिक स्थान पर निर्माण किया जा रहा है उक्त निर्माण पर भी रोक लगाई गई है। अब इसी प्रकरण को लेकर वर्तमान में जनपद प्रशासन कड़ा रूख दिखाते हुए नजर आ रहा है और अब अनुबंध समाप्त करने की बात की जा रही है।मामले में जनपद द्वारा अनुबंध समाप्त करने की बात की जा रही है।
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