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Saturday, January 8, 2022

किसानों की सरकार मे किसान-हलाकान नंगचुई-धान-खरीदी केंद्र के डाटा-एंट्री-ऑपरेटर से किसान परेशान कार्यालयीन-समय में रहते है नदारद

 किसानों की सरकार मे किसान-हलाकान नंगचुई-धान-खरीदी केंद्र के डाटा-एंट्री-ऑपरेटर से किसान परेशान कार्यालयीन-समय में रहते है नदारद




कोटा-विकासखंड के बड़े धान-खरीदी-केंद्र समिति में आता है..नंगचुई..पूर्व के समिति-प्रभारियों के कारगुजारियों का केंद्र रह चुका है।



एक हजार से ज्यादा किसानों की तादात है..इस समिति में खेती का रकबा भी है..बड़ा मनपहरी ग्राम में अलग से धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग।




रतनपुर से ताहिर अली की रिपोट



कोटा...01-दिसंबर 2021 से छत्तीसगढ़ प्रदेश में धान खरीदी शुरू हो गई है धान खरीदी केंद्रों में पूरे प्रदेश के किसानों के द्वारा अपने-अपने-साधनों से धान खरीदी-केंद्रों तक पहुचकर अपने साल भर की मेहनत अपनी फसल का समर्थन मूल्य पर प्रदेश सरकार को बेचकर अपना मेहनताना ले रही है तत्कालीन-सरकारों सहित वर्तमान सरकारों द्वारा कृषि प्रधान देश मे हरित-क्रांति की बात हुई..


किसानों को बेहतर कृषि-संसाधनों उपलब्ध कराने से लेकर किसानों द्वारा उगाई गई..उनकी फसल की सही कीमत मिले इसके लिए स्वामीनाथन-रिपोर्ट तैयार की गई..पर वर्तमान में देश के कुछ राज्यो में ही इस रिपोर्ट पर अमल हो रहा है..पिछले एक साल से देश के अलग-अलग राज्यों से किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा पारित 03-कृषि कानून के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में लगातार आंदोलन किए लगभग 750-से ऊपर किसानों की शहादत हुई अंततः किसानों के आंदोलन के आगे केंद्र की सरकार ने घुटने टेके गुरुनानक-जयंती पर देश के वर्तमान-प्रधानमंत्री ने तीनों-कृषि-कानून वापस लेने की घोषणा कर दी।



कोटा-विकासखंड के लगभग 14-समिति के धान-खरीदी-केंद्र में धान-खरीदी चालू है..समिति के धान खरीदी केंद्रों में कही-कही पर समिति को मिलरों के द्वारा दिए गए फटे-पुराने बारदाने से किसान-हलाकान परेशान हैं..कही-कही तौल व दान-दक्षिणा को लेकर किसान दबे जुबान से अपनी बात कहते दिखाई दिए..कही-धान खरीदी केंद्र में 25% कही पर 50% बारदाने किसानों से लिए जा रहे हैं..जिसका की समिति-प्रबंधक के द्वारा किसानों के खाते में राशि प्रदान की जाने की बात की जा रही है।



कोटा-विकासखंड के नंगचुई-धान-खरीदी केंद्र में डाटा-ऑपरेटर की मनमानी से किसान-हलाकान-परेशान:----


नंगचुई में इन दिनों अगल-बगल पंचायतो के किसान समिति के वर्तमान डाटा-एंट्री-ऑपरेटर के मनमाने समय में आवाजाही से हलाकान-परेशान हैं..नए डाटा-एंट्री-आपरेटर के पद पर विराजमान राजीव-लोचन-तिवारी कार्यालयीन-समय पर नदारत रहते हैं..जिससे की किसानों को टोकन संबंधित-कार्यो सहित अन्य कार्यो में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है..सुबह से टोकन के इंतजार में डाटा-एंट्री-आपरेटर का इंतजार कर रहे किसानों ने राजीव-लोचन-तिवारी के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि धान खरीदी केंद्र में आने जाने का कोई समय नही रहता है..देरी से आते हैं..और समय से पहले निकल जाते हैं..मीडिया के द्वारा मौके पर जाकर देखा तो डाटा एंट्री आपरेटर-कार्यालय से नदारद दिखे..वही पर समिति के प्रबंधक की पूरे समय धान खरीदी-केंद्र में उपस्थिति दिखाई दी..आपरेटर की अनुपस्थिति व किसानों की शिकायत के सवाल पर समिति के प्रबंधक-आपरेटर के बचाव-मुद्रा में दिखाई दिए।



नंगचुई-धान-खरीदी-केंद्र-समिति कोटा-विकासखंड के बड़े धान खरीदी केंद्रों में जाना जाता है..मटसगरा-मनपहरी-खपराखोल-खरगा-सिरसा-कोसकट्टी ग्राम के लगभग एक हजार से ज्यादा किसानों के द्वारा यहा पर खेती की जाती है..खेती का रकबा भी इस जगह काफी बड़ा है..जिसके कारण समिति के माध्यम से किसानों ने मनपहरी ग्राम-पंचायत में अलग से उपकेंद्र खोलने की शासन-प्रशासन से मांग भी की गई है..आवेदन भी दिए जाने की बात कही गई किसानों की सरकार का दावा करने वाली वर्तमान कांग्रेस की सरकार अब तक समिति व किसानों की मांग पूरी नही कर पाई है..नए धान-खरीदी-केंद्रों में अमाली-ग्राम-पंचायत के किसानों को सौगात जरूर मिली है..नंगचुई के किसानों की मांग फिलहाल अभी वेटिंग में है।

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