राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय के विशेषज्ञों ने बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय के विशेषज्ञों ने बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की।
बिलासपुर
सेंट्रल जेल में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय के विशेषज्ञों ने बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की। साथ ही साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी टिप्स दिए।
मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी के प्रमुख डा. बीआर नंदा के मार्गदर्शन में मनोरोग विशेष सलाहकार मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल डॉ. आशुतोष तिवारी ने मानसिक बीमारियों के प्रकार, लक्षण व उपचार के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है। तनाव जब बढ़ने लगता है तो व्यक्ति को घबराहट, अवसाद व अन्य गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस वजह से व्यक्ति कई ऐसे कार्य करने लगता है जो समाज, परिवार और समुदाय के लिए सही नहीं होता है। मानसिक समस्या का सामना कर रहे लोग जागरूकता के अभाव में मनोरोग चिकित्सक से परामर्श नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोगों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
साइकेट्रिक सोशल वर्कर प्रशांत पांडेय एवं कम्युनिटी नर्स व केस मैनेजर एंजलीना वैभव लाल ने बताया कि यदि व्यक्ति अवसादग्रस्त हो जाए तो उसको उबारना बहुत जरूरी हो जाता है। अवसादग्रस्त व्यक्ति कई अनुचित कार्य भी कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि वक्त रहते ही इसकी पहचान कर ली जाए। मानसिक समस्याएं होने पर इनका निदान भी मौजूद रहता है। जिसे स्वयं या चिकित्सक की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है।
कैंप के माध्यम से बंदियों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूक रहने की सलाह दी गई। साथ ही उनकी समस्याओं का निदान भी किया गया। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने व इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर 104 के माध्यम से की परामर्श दिया जा रहा है।

















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