अवैध रिफलिंग सेंटर का कर रहे थे संचालन
हर सिलेंडर से 3-4 किलो निकालते थे
रायपुर. घरेलू गैस सिलेंडर से गैस निकालकर कमर्शियल गैस सिलेंडर बनाने का गोरखधंधा चलाने का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने एक गैस एजेंसी संचालक सहित दो आरोपियों को हिरासत में लिया है। आरोपी लंबे समय से ऐसा कर रहे थे। पुलिस ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
पुलिस के मुताबिक लाभांडी के एक मकान में अवैध रिफलिंग गोदाम का संचालन किया जा रहा था। इसमें घरेलू गैस सिलेंडरों से वैक्यूम मशीन के जरिए -गैस निकालकर कमर्शियल सिलेंडरों में भरा जाता था। इसकी जानकारी मिलते ही तेलीबांधा पुलिस ने गोदाम में छापा मारा। गोदाम का संचालन करने वाले संदीप जैन और विकास शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।
दोनों के खिलाफ पुलिस ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है। गोदाम से पुलिस ने घरेलू और कमर्शियल कुल 72 गैस सिलेंडर, 2 वैक्यूम मशीन, बिजली बोर्ड, वायर, पाना पेचकस व अन्य उपकरण रामद किया है।
पुलिस के मुताबिक हर घरेलू गैस सिलेंडर से तीन से चार किलो गैस निकालकर कमर्शियल सिलेंडरों में भरा जाता था। इसके बाद घरेलू गैस सिलेंडर को फिर सील पैक कर दिया जाता था। यही घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को बांट दिया जाता था. दूसरी ओर कमर्शियल गैस सिलेंडरों को आरोपी अधिक दाम में बेचा करता थे।
गैस एजेंसी का संचालक है आरोपी
पुलिस के मुताबिक आरोपी विकास शर्मा की सेमरिया में रिलायंस गैस के नाम से एजेंसी है। एजेंसी के घरेलू सिलेंडरों को ही अवैध रिफलिंग गोदाम में ले जाता था और उसी का गैस निकालकर कमर्शियल गैस सिलेंडरों में भरते थे। मौके पर रिलायंस एजेंसी के अलावा इंडेन एजेंसी के भी गैस सिलेंडर मिले हैं। कमर्शियल सिलेंडरों को आरोपी होटल, रेस्टोरेंट व अन्य स्थानों में 600 से 700 रुपए अधिक कीमत में बेच देते थे।
कबीरनगर का मामला ठंडा पड़ा
कबीर नगर के हीरापुर में भी अवैध गैस गोदाम का खुलासा हुआ था। यहां भी घरेलू गैस सिलेंडरों से गैस निकालकर कमर्शियल बनाकर बेचा जाता था। गोदाम में अचानक विस्फोट होने से गोदाम संचालक सहित दो की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने अब तक उस एजेंसी संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, जिसके गैस सिलेंडर गोदाम में मिले थे। एजेंसी वाले का घरेलू सिलेंडर गोदाम में पहुंच रहा था। फिर भी पुलिस ने अब तक उसके थे। खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।
हादसों को देते हैं न्योता
अवैध गैस रिफलिंग का काम घनी आबादी वाले इलाकों में होता है। इसमें एजेंसी वाले की भूमिका भी संदिग्ध होती है। • एजेंसी के सिलेंडर ही गोदाम में जाते हैं। जांच के दौरान इसका खुलासा होने के बाद भी पुलिस और खाद्य विभाग एजेंसी वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है। घनी आबादी के बीच गोदाम • संचालित होने से आगजनी और विस्फोट का खतरा बना रहता है।
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