Breaking

अपनी भाषा चुने

POPUP ADD

सी एन आई न्यूज़

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर/ जिला ब्यूरो/ संवाददाता नियुक्ति कर रहा है - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेशओडिशा, झारखण्ड, बिहार, महाराष्ट्राबंगाल, पंजाब, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, एन सी आर दिल्ली, कोलकत्ता, राजस्थान, केरला, तमिलनाडु - इन राज्यों में - क्या आप सी एन आई न्यूज़ के साथ जुड़के कार्य करना चाहते होसी एन आई न्यूज़ (सेंट्रल न्यूज़ इंडिया) से जुड़ने के लिए हमसे संपर्क करे : हितेश मानिकपुरी - मो. नं. : 9516754504 ◘ मोहम्मद अज़हर हनफ़ी - मो. नं. : 7869203309 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ आशुतोष विश्वकर्मा - मो. नं. : 8839215630 ◘ सोना दीवान - मो. नं. : 9827138395 ◘ शिकायत के लिए क्लिक करें - Click here ◘ फेसबुक  : cninews ◘ रजिस्ट्रेशन नं. : • Reg. No.: EN-ANMA/CG391732EC • Reg. No.: CG14D0018162 

Friday, July 15, 2022

वैदिक पंचांग दिनांक - 15 जुलाई 2022


 🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞 

🌤️  दिनांक - 15 जुलाई 2022

🌤️ दिन - शुक्रवार

🌤️ विक्रम संवत - 2079

🌤️ शक संवत -1944

🌤️ अयन - दक्षिणायन

🌤️ ऋतु - वर्षा ऋतु 

🌤️ मास -श्रावण

🌤️ पक्ष - कृष्ण 

🌤️ तिथि - द्वितीया शाम 04:39 तक तत्पश्चात तृतीया

🌤️ नक्षत्र - श्रवण शाम 05:31 तक तत्पश्चात धनिष्ठा

🌤️ योग - प्रीति रात्रि 12:21 तक तत्पश्चात आयुष्मान्

🌤️  राहुकाल - सुबह 11:05 से दोपहर 12:45 तक

🌞 सूर्योदय - 05:30

🌦️ सूर्यास्त - 06:22

👉  दिशाशूल - पश्चिम दिशा में

🚩 *व्रत पर्व विवरण - 

🔥 विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा  बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

   

🌷 विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए 🌷

👉 16 जुलाई 2022 शनिवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 10:02)

🙏🏻 शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :

🌷 ॐ गं गणपते नमः ।

🌷 ॐ सोमाय नमः ।


🌷 संक्रांति 🌷

➡ 16 जुलाई 2022 शनिवार  को संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक)

🙏🏻 इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है ।

  

‪🌷 चतुर्थी‬ तिथि विशेष 🌷

🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।

📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं। 

🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।

🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥

➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।

           

🌷 कोई कष्ट हो तो 🌷

🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |

👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं –

🌷 ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।

🌷 ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।

🌷 ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।

🌷 ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और  जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।

🌷 ॐ अविघ्नाय नम:

🌷 ॐ विघ्नकरत्र्येय नम: 


           🌞 ~  पंचांग ~ 🌞

🙏🏻🌷🌸🌼💐☘🌹🌻🌺🙏

No comments:

Post a Comment

Please do not enter any spam link in the comment box.

Hz Add

Post Top Ad