ब्यूरो चीफ मोहम्मद अजहर हनफी
दिल्ली:- देश के चैंपियन खिलाड़ियों की बगावत के बाद कल 20 जुलाई को पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर और दिल्ली विधानसभा के विधायक प्रत्याशी रमेश पोपली द्वारा किए गए खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ पर होगी दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई ।
सातवे चिल्ड्रन ऑफ़ ऐशिया इंटरनेशनल खेलो का आयोजन व्लाडिवोस्टॉक रूस में 27 जुलाई से 8 अगस्त तक होने जा रहा है जिसमे भारत की ओर से प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों का चयन किसी चयन प्रक्रिया के तहत नही बल्कि अपने रिश्तेदारों और जानकारो का नाम डालकर कर दिया गया।
इस बात का शक खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों को तब हुआ जब खेलो के दिनांक नजदीक आ जाने के बावजूद भी चयन प्रक्रिया की कोई सूचना छत्तीसगढ़ के प्रदेश इकाई और न ही किसी खिलाड़ी और कोच को मिली और जब पता चला की पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर व रमेश पोपली ने घर बैठकर ही भारतीय टीम की सूची तैयार कर ऑनलाइन एंट्री रूस भेज दी ।
आज देश के वह सभी खिलाड़ी जो दिन-रात राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं इस भारतीय टीम के चयन में हुई धांधली बाजी से बहुत अधिक हताश है और इधर उधर न्याय की गुहार लगा रहे हैं परंतु उनकी सुनने वाला कोई नहीं है उनके भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है ,आखिर छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यो।
पिछले 22 वर्षों से नेताओ ने कुराश एसोसिएशन ऑफ इंडिया पर कब्जा कर रखा है जिसमे इनके द्वारा खुले आम बड़ी बड़ी धांधली बाजी की जा रही है जिसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण आज सबके सामने भारतीय टीम बिना चयन प्रतियोगिता के तैयार करना है ।
सन् 2000 में कुराश एसोसिएशन ऑफ इंडिया का गठन किया गया जिसमें अध्यक्ष के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टाइटलर ने पद ग्रहण किया इसके बाद 19 वर्ष तक इस संस्था में कोई भी चुनाव नहीं कराया गया और सन् 2019 में भारत मंत्रालय के खेल नियम में 70 वर्ष की आयु बाध्यता होने के कारण जगदीश टाइटलर ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर अपने ही एक नुमाइंदे पूर्वविधायक प्रत्याशी रमेश पोपली को खेल मंत्रालय के नियमो का उलंघन कर सीधे संस्था का अध्यक्ष बना दिया और साथ ही भारतीय खेल मंत्रालय के नियमों के विरुद्ध पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कुराश एसोसिएशन ऑफ इंडिया में चेयरमैन नाम का एक पद बनाकर संस्था के सारे अधिकार इसी पद पर लेने का प्रयास किया जब राज्य संघों को इस बारे में जानकारी मिली तो कुछ राज्य संघों ने मिलकर खिलाड़ियों के भविष्य को बचाने के लिए माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया ।
खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस तरह के संगठनो के ख़िलाफ़ जाँच करके उनपर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जिससे खिलाड़ियों के हितों का संरक्षण हो सके l
जिला बलौदाबाजार-भाटापारा से Central news India के लिए
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