कसडोल रिकोकला में निकली महाप्रभु स्वामी जगन्नाथ जी कि रथयात्रा”
कसडोल:- कसडोल हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से रथ यात्रा शुरू होती है और जगन्नाथ महाप्रभु के धाम पूरी से पुरे देश एवं प्रदेश भर में आज रथ यात्रा की धूम लगती रहती है सोनाखान ब्लॉक के मिडिया प्रभारी प्रमोद कुमार साहू ने बताया कि इसी तारतम्य में कसडोल ब्लॉक के वनाँचल क्षेत्र के प्रमुख गाँव रिकोकला में भी महाप्रभु की यात्रा निकली आषाढ़ शुक्ल दशमी कोविड के दो सालों के बाद इस बार रथयात्रा में पुरे गाँव से हजारों लोग शामिल हुए बलराम, सुभद्रा और प्रभु जगन्नाथ अपने रथ में सवार होकर सूरज डूबने से पहले अपने मौसी के घर पहुँचे।यहां भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ सात दिन तक रुकेंगे फिर अपने रथ में पुनः सवार होकर अपने मुख्य मंदिर ठाकुरदिया धाम के समीप अपने जगन्नाथ मंदिर लौटेंगे।रिकोकला में रथ यात्रा हर साल शुक्ला परिवार के सानिध्य में भक्तों के सहयोग से निकाली जाती है अपने रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को गाँव की सभी गलियों में भक्तों द्वारा खींच कर घुमाया जाता है ऐसी मान्यता है कि जुलूस के दौरान अपने भगवान के रथों को खींचने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं जो जाने या अनजाने में किए गये थे रथ के साथ भक्त मांदर की थाप की ध्वनि के साथ गीत और मंत्रों का जाप करते हैं जगन्नाथ रथ यात्रा गुंडिचा यात्रा, रथ महोत्सव, दशावतार और नवदीना यात्रा के रूप में भी प्रसिद्ध है।।।


















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